भोपाल: एमपी की राजधानी भोपाल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के महामंथन में प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार के मंत्रियों को भी बुलाया गया है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत खुद इन मंत्रियों से वन टू वन चर्चा कर रहे हैं, लेकिन खास बात यह है कि इसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक मंत्रियों को अब तक नहीं बुलाया गया है। महत्वपूर्ण यह है कि संघ प्रमुख ने सबसे पहले प्रदेश में शिक्षा विभाग का कामकाज देखने वाले मंत्रियों की क्लास लगाई है।
आरएसएस की वर्किंग ग्रुप की बैठक भोपाल के शारदा विहार स्कूल परिसर में चल रही है। मंगलवार को शुरू हुई बैठक 5 दिनों तक चलेगी। बैठक में आरएसएस के शीर्ष अधिकारियों और प्रचारकों को बुलाया गया है, लेकिन इसमें शिवराज सरकार के मंत्रियों के शामिल होने को लेकर कई तरह की चर्चाएं चल रही हैं।
बुधवार तक स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार और उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव भागवत के अलावा सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया की मुलाकात भागवत से हो चुकी है। शिक्षा विभाग के मंत्रियों से उनकी मुलाकात के बाद कयास लग रहे हैं कि आरएसएस प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में बदलाव की रणनीति पर काम कर रहा है।
इधर, भागवत से मुलाकात करने वालों में सिंधिया-समर्थक मंत्रियों का नाम नहीं होने को लेकर भी अटकलें लग रही हैं। यह स्पष्ट नहीं है कि सिंधिया खेमे के मंत्रियों का उनसे मिलने का कार्यक्रम है या नहीं, लेकिन इसे बीजेपी के पुराने नेताओं और सिंधिया-समर्थकों के बीच अंतर्विरोध से जोड़कर देखा जा रहा है।
संघ की 5 दिनों तक चलने वाली इस बैठक में कोरोना काल में संगठन की भूमिका को लेकर मंथन चल रहा है। केंद्र सरकार द्वारा शुरू किए गए आत्मनिर्भर भारत और स्वदेशी अभियान में आरएसएस की भूमिका क्या हो, इसको लेकर रणनीति बनाई जा रही है।