नीतीश की मंत्री रहीं मंजू वर्मा ने किया आत्मसमर्पण, भेजी गईं जेल

बेगूसराय: बिहार सरकार में मंत्री पद से इस्तीफ देने के बाद से फरार चल रहीं मंजू वर्मा ने मंगलवार को बेगूसराय के मंझौल व्यवहार न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया। अवैध हथियार मामले की आरोपी मंजू को अदालत ने 11 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। वर्मा की गिरफ्तारी के लिए पुलिस पिछले कई दिनों से विभिन्न स्थानों पर छापेमारी कर रही थी। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि पूर्व मंत्री वर्मा सुबह मंझौल, अनुमंडल व्यवहार न्यायालय पहुंचीं, जहां उन्होंने अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। 

वर्मा के अधिवक्ता सत्यनारायण महतो ने बताया कि आत्मसमर्पण के बाद अदालत ने मंजू वर्मा को 11 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इससे पहले उन्होंने पटना उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी, जिसे अदालत ने खरिज कर दिया था।

पटना में अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) एस़ क़े सिंघल ने कहा, "मंजू वर्मा ने पुलिस की दबिश के कारण आत्मसमर्पण किया। हम लगातार उनकी गिरफ्तारी के लिए कार्रवाई कर रहे थे। बिहार के अलावा हैदराबाद, दिल्ली समेत कई शहरों में छापेमारी की गई थी।"

उन्होंने कहा कि आरोपी की चल संपत्ति की कुर्की-जब्ती की कार्रवाई अदालत के आदेश के बाद पूरी कर ली गई थी। 

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, राज्य की पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा तीन व्यक्तियों के साथ चेहरा ढके हुए अदालत पहुंचीं और आत्मसमर्पण कर दिया। 

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मुजफ्फरपुर आश्रयगृह में नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण मामले में पूर्व मंत्री मंजू वर्मा के पटना स्थित आवास और बेगूसराय में उनके ससुराल वालों के घर 17 अगस्त को छोपमारी की थी। अर्जुन टोला गांव में वर्मा के ससुराल वालों के घर से 50 गोलियां बरामद की गई थीं। इसके बाद मंजू वर्मा और उनके पति चंद्रशेखर वर्मा के खिलाफ 18 अगस्त को बेगूसराय के चेरिया बरियारपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

आरोप है कि यौन शोषण मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर और वर्मा के पति के बीच मधुर संबंध हैं। इस मामले के प्रकाश में आने के बाद मंजू वर्मा को समाज कल्याण मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था। 

इस मामले में अदालत के आदेश के बाद उनकी संपत्ति की कुर्की-जब्ती की भी कार्रवाई चल रही थी। 

चंद्रशेखर वर्मा भी आश्रय गृह के मामले में 29 अक्टूबर को अदालत में आत्मसमर्पण किया था। फिलहाल वह भी जेल में बंद हैं। 

 

बिहार : आश्रयगृह कांड के मुख्य आरोपी ब्रजेश की करीबी मधु गिरफ्तार

मुजफरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर आश्रयगृह यौन शोषण मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर की करीबी कही जानी वाली मधु मंगलवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के समक्ष हाजिर हुई जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया कि मधु को गिरफ्तार कर लिया गया है और उससे कैंप कार्यालय में पूछताछ की जा रही है। 

मधु ने पत्रकारों के समक्ष खुद को बेकसूर बताते हुए कहा कि वह न इस मामले में आरोपी है और न ही अदालत द्वारा उसके खिलाफ कोई वारंट निर्गत किया गया है। इस मामले की जांच कर रही टीम कई बार उसके घर पहुंची थी, जिस कारण घर के लोगों को परेशानी हो रही थी। 

मधु ने यहां कहा, "मेरा आश्रयगृह में न आना-जाना था और ना ही उसकी कोई जानकारी है। मैं ब्रजेश ठाकुर के लिए काम जरूर करती थी, मगर वहां क्या हुआ, इसकी जानकारी मुझे नहीं है।" 

उन्होंने कहा कि इस मामले में जो भी सच्चाई है, उसे सामने आना चाहिए।

आश्रयगृह में लड़कियों के यौन-शोषण का खुालासा तब हुआ था, जब टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज द्वारा राज्य के समाज कल्याण विभाग को जमा की गई अपनी रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख किया था। इसके बाद बिहार पुलिस ने इसकी जांच शुरू की। बाद में यह मामला सीबीआई को सौंप दिया गया। इस मामले में अब तक ब्रजेश ठाकुर सहित 15 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। 

सीबीआई सूत्रों का दावा है कि ठाकुर की सबसे करीबी मधु से पूछताछ के बाद कई राज सामने आएंगे। 

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