नई दिल्ली: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने सोमवार को यहां कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को चुनाव में शिकस्त देने के लिए विपक्ष एकजुट है और चुनाव के बाद गैर-भाजपा मोर्चा बनेगा। येचुरी ने मीडिया के एक सवाल का उत्तर देते हुए अपना यह आकलन प्रस्तुत किया। उनसे पूछा गया कि द्रमुक द्वारा राहुल गांधी को विपक्ष का प्रधानमंत्री उम्मीदवार प्रस्तावित करने पर उनका क्या विचार है।
येचुरी ने कहा, "यह उनकी (द्रमुक) राय है। उनको अपनी राय रखने का अधिकार है।"
उन्होंने जोर देकर कहा कि यह जरूरी नहीं है कि विपक्ष को अपने गठबंधन के नेता का एलान करना चाहिए या लोकसभा चुनाव से पहले गठबंधन को औपचारिक रूप प्रदान करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जनता में असंतोष है, जो अब परिवर्तन चाहती है।
येचुरी ने कहा, "विधानसभा चुनाव के नतीजे से जाहिर है कि जनता में असंतोष है। यह असंतोष अगले लोकसभा चुनाव तक समाप्त नहीं होने वाला है। लोग सरकार बदलने के लिए वोट करेंगे। हमारी रणनीति होगी कि प्रभावशाली क्षेत्रीय ताकतों के साथ समन्वय से भाजपा के विरोध में ज्यादा से ज्यादा वोट बटोरा जाए।"
उन्होंने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की स्वायत्तता में हस्तक्षेप करने के लिए मोदी सरकार की आलोचना की।
उन्होंने कहा, "चालू खात घाटे को नियंत्रण में रखने और चुनाव से पहले रियायतें देने के लिए सरकार की नजर आरबीआई की आरक्षित निधि पर है। लेकिन ऐसा करना आग से खेलना है।"
येचुरी ने कहा कि देश के केंद्रीय बैंक की अस्थिरता को भांपकर विदेशी पूंजी का पलायन होगा, जोकि पहले से ही बुरे हालात में पड़ी अर्थव्यवस्था के लिए फिर विनाशकारी होगा।