भारत में दूसरे लहर के दौरान कोरोना छोटे शहरों, कस्बों, गाँवों, में बेकाबू हो चुका है। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में भारत में 3,68,147 ताजा मामले और 3,417 मौतें हुई हैं। सोमवार को स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने एक बार फिर से स्थिति को कम करने के लिए छोटी अवधि के पूर्ण लॉकडाउन की वकालत की है।
कोविड के प्रसार के खिलाफ लड़ाई में मूल तथ्य मानव से मानव संपर्क को रोकना है ताकि संचरण की घातक श्रृंखला को तोड़ा जा सके, इस प्रकार एक सुपर बोझिल स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को जीवन की एक ताजा हवा प्रदान की जाए और मौजूदा रोगियों को ऑक्सीजन मिल सके और उनकी की देखभाल हो सके।
मेदांता द मेडिसिटी, गुड़गांव के संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ नेहा गुप्ता ने कहा, आमतौर पर सप्ताह के अंत में लॉकडाउन के बाद सोमवार को मामले कम दर्ज किए जाते हैं। और ये 2020 में हम देख चुके हैं। लॉकडाउन निश्चित रूप से संक्रमण को कम करने में मदद करता है।
इधर, देश की राजधानी में कोरोना के बिगड़ते हालातों को देखते हुए केजरीवाल सरकार ने सेना की मदद मांगी है। उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया मनीष ने केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को इस बारे में एक पत्र लिखा है। अपने पत्र के माध्यम से दिल्ली सरकार ने सेना से दिल्ली में कोशिश फेसिलिटी सेंटर स्थापित करने की अपील की है। सेना से ऑक्सीजन और आईसीयू बेड बड़ी तादात में उपलब्ध कराने की अपील की गई है। इस पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को केंद्र को निर्देश दिया है कि वो केजरीवाल सरकार द्वारा केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से कोविड मरीजों के इलाज के साथ क्रायोजेनिक टैंकर की आपूर्ति, ऑक्सीजन युक्त और आईसीयू बेड के साथ अस्पतालों को बनाने में सेना की मांगी गई मदद को देखें।