लोकसभा चुनाव 2019 के चार चरण पूर्ण होने के साथ भारत की आधी जनसंख्या ने मतदान कर दिया है। साथ ही अंतिम तीन चरणों के लिए सभी दलों ने कमर कस ली है। बीजेपी के मातृ संगठन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने अंतिम 169 सीटों पर बीजेपी के लिए प्रचार हेतु 80,000 स्वयंसेवकों को प्रचार के लिए मैदान में उतार दिया है।
आरएसएस चुनाव के प्रथम चरण से ही सक्रिय रूप से भाजपा के लिए प्रचार कर रहा था। परंतु आखिर तीन चरण में संघ ने भाजपा को बचाने के लिए अपना प्रयास तेज कर दिया है। संघ के 80,000 स्वयंसेवक पश्चिम बंगाल सहित नौ राज्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल की योजनाओं और उपलब्धियों का प्रचार करेंगे। स्वयंसेवक घर-घर जाकर, जिला, नगर के प्रभावशाली व्यक्तियों से मिलकर यह चर्चा करेंगे कि नरेंद्र मोदी को क्यों दोबारा मौका मिलना चाहिए?
चर्चा का मुख्य विषय प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल के दौरान कश्मीर में आतंकवाद पर काबू पाने की उपलब्धि, पाकिस्तान के वैश्विक मंच पर अलग थलग पड़ने और भारत की सशक्त उपस्थिति दर्ज कराना होगा। संघ ने यह खास रणनीति अंतिम तीन चरण के लिए तैयार की है।
यानि राष्ट्रवाद पर फोकस रहेगा।
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में 24 सीटों पर मतदान होना है। यहां बीजेपी खास फोकस कर रही है। साथ ही 2014 के चुनाव की धमाकेदार जीत की शान बनाए रखना भी जरूरी है। लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजों को संघ प्रतिष्ठा का सवाल मानकर तैयारियों में जुटा है।