घायल रामकृपाल की बेटी दामिनी ने बताया, "अपराधियों ने पहले पापा को खींचने की कोशिश की, जिसका मैंने विरोध किया तो उन लोगों ने काफी करीब से पापा के सीने में दो गोलियां मार दीं। इसके बाद वे बाइक पर बैठकर भाग निकले।"
बेगूसराय: बिहार के बेगूसराय में एक पिता ने अपनी जान की परवाह किए बिना गोली लगने की हालत में सात किमी तक मोटरसाइकिल चलाकर अपनी बेटी को परीक्षा केंद्र तक पहुंचाया और फिर जाकर इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती हुआ। पुलिस के अनुसार, वीरपुर पूर्वी ग्राम पंचायत के पूर्व मुखिया और पकड़ी गांव के रहने वाले रामकृपाल प्रसाद बुधवार को अपनी बेटी को 12वीं की परीक्षा दिलवाने के लिए मोटर साइकिल से बेगूसराय ले जा रहे थे।
इसी दौरान वीरपुर थाना क्षेत्र के बेगूसराय-वीरपुर मार्ग पर लतराही कारीचक के समीप दो बाइक पर सवार पांच-छह अपराधियों ने रामपाल पर जानलेवा हमला करते हुए उनके सीने में दो गोलियां मार दीं।
इसके बाद भी रामकृपाल घायल अवस्था में मोटरसाइकिल चलाते रहे।
घायल रामकृपाल की बेटी दामिनी ने बताया, "अपराधियों ने पहले पापा को खींचने की कोशिश की, जिसका मैंने विरोध किया तो उन लोगों ने काफी करीब से पापा के सीने में दो गोलियां मार दीं। इसके बाद वे बाइक पर बैठकर भाग निकले।"
दामिनी ने कहा कि उन्होंने अपने पिता से रुककर लोगों से मदद मांगने को कहा लेकिन वे रुके नहीं। उन्होंने करीब सात किलोमीटर तक बाइक चलाकर पहले उसे ज़े क़े स्कूल, बेगूसराय परीक्षा केंद्र पर छोड़ा और उसके बाद वे खुद एक निजी क्लिनिक में इलाज के लिए भर्ती हुए।
वीरगंज के थाना प्रभारी वरुण कुमार ने गुरुवार को कहा कि घटना के कारणों का अब तक पता नहीं चल पाया है।
वरुण कुमार ने कहा कि रामकृपाल अभी बयान देने की स्थिति में नहीं हैं। उनका इलाज चल रहा है। उन्होंने कहा कि पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है।