रांची: मुंबई निवासी प्रो. अरुण राय ने झारखंड को छह आक्सीजन कॉन्सेनट्रेटर उपलब्ध कराए हैं। इनका उपयोग इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, अंजुमन इस्लामिया अस्पताल तथा गिरिडीह और बगोदर विधानसभा क्षेत्र में होगा। गिरिडीह के विधायक सुदिव्य कुमार तथा बगोदर के विधायक विनोद सिंह ने सभी सहयोगकर्ताओं के प्रति आभार व्यक्त किया है।
यह सहयोग प्रो अरुण राय ने अपने अमेरिका और भारतवासी मित्रों और छात्रों के जरिए हासिल किया है। नेदरलैंड्स निवासी रीजा ग्रेवाल ने चार कॉन्सेनट्रेटर्स दिए हैं। श्रीमती ग्रेवाल और उनके भार्इ ने भारत में कोविड सेप्रो लड़ार्इ के लिए ‘सिख युनाइटेड‘ नामक संस्था बनार्इ है। उनकी वेबसाइट http://SikhsUnited.nl है। उन्होंने यूरोप तथा कनाडा से झारखंड के लिए जल्द ही और सहयोग उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है।
इसी तरह, अमेरिका के ह्यूस्टन निवासी मो अब्दुल कादिर ने दो कॉन्सेनट्रेटर्स दिए हैं। उन्होंने विदेश से कॉन्सेनट्रेटर लाने में भी भूमिका निभार्इ। झारखंड में इस अभियान के समन्वय में हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ राजचन्द्र झा और झारखंड फाउंडेशन के निदेशक डॉ विष्णु राजगढ़िया ने सहयोग किया।
प्रो अरूण राय ने भारत और विदेषों में अपने मित्रों और स्टूडेंट्स के माध्यम से झारखंड के ग्रामीण इलाकों के लिये अब तक साढ़े चार लाख की राशि इकट्ठा की है। रांची, कोडरमा, हजारीबाग, पलामू, गिरीडीह इत्यादि जिलों में ऑक्सीजन की व्यवस्था और मास्क वितरण किया जा रहा है। मर्इ महीने में लगभग पचास हजार मास्क वितरण का प्रयास है। सारे मास्क रांची मे ही बनवाये जा रहे हैं। इससेप्रो स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिला है।
प्रो अरूण राय ने अपने झारखंड प्रेम के कारण यह पहल की है। उल्लेखनीय है कि अरूण राय मूलत: रांची के निवासी हैं। वह संत जॉन स्कूल और संत जेवियर कॉलजे के छात्र रहे हैं। विगत पचीस वर्षों से मुंबर्इ में रहते हैं। पिछले बारह वर्षों से उत्तर और पूर्वोत्तर भारत के ग्रामीण इलाकों के शिक्षकों और स्कूली छात्रों के साथ काम करते हैं। नेतरहाट, खूंटी, हजारीबाग, झुमरी तिलैया, रांची मे भी इन्होंने कर्इ सेसन्श लिये हैं।
प्रो अरुण राय की आर्इआर्इटी कोचिंग संस्था के विद्यार्थी सुशांत सचदेव ने देश में प्रथम स्थान हासिल किया था। 2007 से अरूण राय स्वतंत्र रूप से ग्रामीण शिक्षा के क्षेत्र मे काम कर रहे हैं। पिछले वर्ष प्रवासी मजदूरों की मदद करने के लिये और किसान आंदोलन के समय दिसंबर से मार्च के बीच उनके विभिन्न मित्रों ने करीब आठ लाख रूपये जुटाये थे और विभिन्न स्थानों पर सेवाएं भेजी थी। यह जानकारी झारखंड फाउन्डेशन के निदेशक डॉ विष्णु राजगढि़या ने दी है।