न्यूयॉर्क: एक भारतीय-अमेरिकी न्यूरोसर्जन को स्पाइनल सर्जरी करने के लिए करीब 33 लाख डॉलर की रिश्वत लेने के आरोप में पांच साल की सजा सुनाई गई है। सैन डिएगो, कैलिफोर्निया के 55 वर्षीय लोकेश एस. तंतुवाया ने लॉन्ग बीच स्थित एक अस्पताल में सर्जरी की। न्याय विभाग के एक बयान में कहा गया है कि उन्हें यूएस डिस्ट्रिक्ट जज जोसफीन एल स्टेटन ने सजा सुनाई। कोर्ट ने 3.3 मिलियन डॉलर के अवैध लाभ को जब्त करने का भी आदेश दिया।
2010 से 2013 के बीच अस्पताल में रीढ़ की हड्डी की सर्जरी करने वाले तंतुवेया ने पैसिफिक अस्पताल के मालिक माइकल ड्रोबोट से धन स्वीकार किया।
पैसिफिक अस्पताल रीढ़ की हड्डी और आर्थोपेडिक प्रक्रियाओं में विशिष्ट है। इसके मालिक ड्रोबोट को मामले में 2018 में 63 महीने की जेल की सजा सुनाई गई थी।
ड्रोबोट ने डॉक्टरों व अन्य कर्मियों के साथ साजिश रचकर हजारों मरीजों को स्पाइनल सर्जरी और अन्य चिकित्सा सेवाओं के लिए पैसिफिक अस्पताल में रेफरल के बदले में किकबैक और रिश्वत का भुगतान भुगतान मुख्य रूप से कैलिफोर्निया के श्रमिकों की क्षतिपूर्ति प्रणाली के माध्यम से किया।
न्याय विभाग ने कहा कि अपने अंतिम पांच वर्षों के दौरान इस साजिश के परिणामस्वरूप स्पाइन सर्जरी के लिए चिकित्सा बिलों में 500 मिलियन डॉलर से अधिक का भुगतान किया गया।
तंतुवाया ने ड्रोबोट और ड्रोबोट के स्वामित्व वाली कंपनियों के साथ अनुबंध किया।
तंतुवेया ने स्वीकार किया कि वह जानता था कि अस्पताल में मरीज को सर्जरी के बदले में उसे भुगतान किया जा रहा है।
उसने यह भी कबूल किया कि वह जानता था कि चिकित्सा सेवा के लिए रेफरल के बदले में धन प्राप्त करना अवैध था।
अब तक मामले में 23 लोगों को दोषी ठहराया जा चुका है।