ऑपरेशन मुस्कान के तहत की गयी छापेमारी
गिरिडीह : अभावों में पलने वाले नोनिहालों को बाल दास्ता से मुक्त कराकर उनके भविव्य को संवारने में रास्ट्रीय स्तर पर सक्रिय स्वंयसेवी संस्था बचपन बचाओं आंदोलन की पहल पर राज्यव्यापी बालश्रम मुक्त कराओं अभियान के तहत शनिवार को जिले के विभिन्न प्रखंडों से 46 बच्चों को मुक्त कराया गया। ये सभी बच्चे जिले के घनवार, जमुआ, पचंबा गिरिडीह , के होटलों, ढाबो ,गैराजों व अन्य प्रतिष्ठानों में बालमजदूर के रूप में कार्यरत थे।और इन सभी की उम्र 10 से 16, 17 सालों के बीच हैा सरकारी प्रावधान के तहत 18 साल से कम उमु के बच्चों को बाल श्रमिक के रूप में काम कराना कानून अपराध हैा लेकिन इसके बावजूद कुछ लोग गरीबी में पलने वाले बच्चों को अपने घरों में, दूकानों ,में होटलों में ढाबो में सुबह से देर रात तक काम करवाकर इनके भविस्य को नस्ट करने पर अमादा रहते हैा मुक्त कराये गये कई बच्चों २विवार को चाईत्डलाईन में बताया कि अपने घरवालो के कहने पर वे होटलों में काम करते हैा कई बच्चों ने बताया कि स्कूल जाने का मन करता है लेकिन होटल में सुवह से शाम तक कमकरना पड़ता हैा फिर स्कूल कैसे जायेगे।? जबकि मुक्त कराओं अभियान में शामिल रहे कैलाश सत्याथीं फाउण्डेशन के गोविन्द खनाल,श्याम मलिक ,जीतू सिंह, ब्रजेश मिश्र, विनोद कुमार यादव ने बताया कि कई बच्चों को बिहार से झार२वंड में लाकर काम कराया जारहा थ। अभियान में शामिल अधिकारियों ने बताया कि सभी मुक्त कराये गये बच्चों की मेडिकल जांच कराने के बाद परिजनाे को कुछ हिदायत के साथ सोंप दिया जायेगा ।जबकि अभियान में शामिल डीएसपी नवीन कुमार सिंह और श्रम अधिकारी ने कहा कि जिन पतिष्ठानों से बच्चे बरामद हुए है उनके संचालको के खिलाफ श्रम एक्ट के तहत कार्रवाई की जायेगी । मालूम हो कि राज्यव्यापी ऑपरेशन मुस्कान के तहत कल शनिवार को चाईल्ड लाईन, बचपन बचाओं आंदोलन, श्रम विभाग ,जिला बाल सरक्षणं इकाई, जिला एवं पुलिस के अधिर्कारयों ने कई टिमों का गठन कर अलग अलग थाना क्षेत्रों के दर्जन भर प्रतिस्ठानों में छापेमारी कर 46 नोनिहालों को बरामद किया था। बताया गया कि सूचना मिली थी कि जिले भर में 140 बालश्रमिक विभिन्ग क्षेत्रों में काम कर रहे है। और इस सूचना के आधार पर बच्चों को बाल श्रम से मुक्त कराया गया ।