लखनऊ की एक कोर्ट ने एक छात्रा के साथ जबरन यौनसंबंध मामले में पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री व भाजपा सांसद स्वामी चिन्मयानंद को बाइज्जत बरी कर दिया। लखनऊ की एमपी/एमएलए अदालत के विशेष न्यायाधीश पवन कुमार राय द्वारा दिये गए इस फैसले के अनुसार चिन्मयानंद के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला। बतायें कि चिन्मयानंद पर आरोप था कि उन्होंने लॉ की छात्रा के साथ अवैध यौनसंबंध बनाते रहे थे। यह खबर जब सामने आयी तो भाजपा में जबरदस्त खलबली मची थी।
गौरतलब है कि छात्रा अदालत में सुनवाई के दौरान पहले ही अपने बयानों से मुकर गई थी और कहा था कि प्राथमिकी और पुलिस द्वारा दर्ज किए गए उसके बयान गलत थे। उसने चिन्मयांनद को निर्दोष बताया था।
बहरहाल, इसके साथ ही अदालत ने रपांच करोड़ रंगदारी मांगने व जान-माल की धमकी के मामले में विधि महाविद्यालय की उक्त छात्रा व पांच अन्य अभियुक्तों को भी साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है। यह पूरा मामला 2019 का है। छात्रा ने एक वीडियो वायरल कर स्वामी चिन्मयानंद पर शारीरिक शोषण और कई लड़कियों की जिंदगी बर्बाद करने के आरोप लगाए थे. साथ ही उसे तथा उसके परिवार को जान का खतरा बताया था। वीडियो वायरल होने के बाद छात्रा लापता हो गई थी। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रायल के दौरान छात्रा ने दावा किया था कि कुछ अराजक तत्वों के दबाव में आकर उन्होंने स्वामी चिन्मयानंद पर आरोप लगाए थे. हालांकि छात्रा ने इस लोगों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी।