रांची: टूनकीटोली, बरियातू में सरना धर्म कोड की मान्यता आंदोलन को नई ऊर्जा के साथ मंजिल तक पहुंचाने के लिए एक संयुक्त बैठक की गई। जिसमें पूर्व सांसद सालखन मुर्मू, अध्यक्ष, आदिवासी सेंगेल अभियान, फूलचंद तिर्की, अध्यक्ष केंद्रीय सरना समिति और सत्यनारायण लकड़ा, अध्यक्ष अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के साथ सुमित्रा मुर्मू, संजय तिर्की विनय टोप्पो नीरा टोप्पो सोनी तिरकी ज्योति मुर्मू भुबनेश्वर लोहरा प्रमोद एक्का निर्मला कुजूर घनश्याम टुडू महेंद्रा बेक प्रदीप खलखो आदि शामिल हुए।
सर्वप्रथम सालखन मुर्मू को उनके प्रयासों और नेतृत्व के लिए बधाई दिया गया। महसूस किया गया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा भारत के रजिस्ट्रार जनरल- जनगणना को सरना धर्म कोड की मान्यता के लिए 6 सितंबर 21 को प्रेषित पत्र से आदिवासी समाज में उत्साह का संचार हुआ है।
बैठक में तय हुआ की 30 सितंबर 2021 को झारखंड बंगाल बिहार उड़ीसा आसाम के आदिवासी बहुल जिलों के मुख्यालय में धरना प्रदर्शन कर माननीय राष्ट्रपति को सरना धर्म कोड की अविलंब मान्यता का ज्ञापन पत्र जिलाधीशों के माध्यम से प्रदान किया जाएगा। और सभी आदिवासी संगठनों और प्रबुद्ध जनों को इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। 30 सितंबर 21 के बाद संयुक्त बैठक कर चरणबद्ध आंदोलन की रूप रेखा तय की जायेगी। यह जानकारी एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दी गई है।