भुवनेश्वर: आखिरी मिनटों में गोल खाने की पुरानी आदत के कारण भारत को यहां हॉकी विश्व कप के पूल-सी के अपने दूसरे मैच में रविवार को वर्ल्ड नंबर-3 बेल्जियम से 2-2 से ड्रॉ खेलना पड़ा। बेल्जियम के लिए एलेक्जेंडर हेंड्रिक्स ने आठवें और सायमन गौगनार्ड ने 56वें मिनट में गोल दागे। भारत के लिए हरमनप्रीत सिंह ने 40वें और सिमरनजीत सिंह ने 47वें मिनट में गोल किए।
भारत का दो मैचों में यह पहला ड्रॉ है। उसने अपने पहले मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका को 5-0 से हराया था। भारत के दो मैचों से चार अंक हो गए हैं। वह अपने पूल में टॉप पर है। भारत को ग्रुप चरण में अपना अगला मुकाबला शनिवार को कनाडा से खेलना है।
यहां कलिंगा स्टेडियम में खेले गए इस मैच में दूसरे ही मिनट में बेल्जियम को दूसरा पेनाल्टी कॉर्नर मिला, लेकिन भारत के अनुभवी गोलकीपर पी. आर. श्रीजेश ने इसे असफल कर दिया।
इसके बाद, आठवें मिनट में बेल्जियम को तीसरा पीसी मिला और इसमें कोई गलती न करते हुए टीम ने गोल कर खाता खोला। टीम के लिए यह गोल एलेक्जेंडर हेंड्रिक्स ने किया।
पहले क्वार्टर के आखिरी मिनट में आकाशदीप सिंह के पास गोल करने का मौका था लेकिन उनका शॉट गोल पोस्ट के पास से होकर बाहर चला गया। ऐसे में इसी बढ़त के साथ बेल्जियम ने पहले क्वार्टर का समापन किया।
दूसरे क्वार्टर के 21वें मिनट में आकाशदीप सिंह को ग्रीनकार्ड दिखाया गया। दूसरे क्र्वाटर तक भारत बॉल पॉजेशन के मामले में काफी पीछे रहा। अब तक के खेल में जहां बेल्जियम के पास 62 प्रतिशत बॉल पॉजेशन रही वहीं भारत के 38 प्रतिशत तक ही सीमित रहा।
मैच के 28वें मिनट में हरमनप्रीत का एक शॉट बेल्जियम के गोलपोस्ट के साइड से निकल गया। इसके बाद मंदीप सिह भी चूक गए और पहला हाफ 1-0 से बेल्जियम के पक्ष में रहा।
तीसरे क्वार्टर में 35वें मिनट में भारत को पहला पेनाल्टी कॉनर्र मिला। लेकिन बेल्जियम के गोलकीपर वांश्च विनसेंट ने दिलप्रीत को शॉट को विफल कर दिया। 37वें मिनट में अंपायर ने बेल्जियम को पेनाल्टी दिया जिसपर की भारतीय कप्तान मनप्रीत सिह ने रेफरल लिया और पेनाल्टी खारिज हो गया।
इसके कुछ मिनट बाद ही 39वें मिनट में भारत को दूसरा पेनाल्टी कॉर्नर मिला जो बेकार चला गया लेकिन इसी क्रम में भारत को एक और पेनाल्टी कॉर्नर मिला और फिर इसके भी विफल रहने के बाद भारत को 40वें मिनट में पेनाल्टी मिला।
इस बार हरमनप्रीत सिंह ने गोल दागकर भारत को 1-1 से बराबरी दिला दी।
तीसरे क्वार्टर के आखिरी मिनटों में भारत की ओर से कुछ अच्छे मूव देखने को मिले। इस बार वरुण ने एक शानदार पास ललित उपाध्याय को दिया। हालांकि ललित गेंद को अपने काबू में नहीं रख पाए और तीसरे क्वार्टर तक दोनों टीमें 1-1 से बराबर पर रही।
मैच के चौथे और अंतिम क्वार्टर में 47वें मिनट में भारत को उस समय एक बड़ी सफलता हाथ लगी जब सिमरनजीत सिंह ने कोथाजीत सिंह से मिले पास पर गेंद को बेल्जियम के गोलपोस्ट में डाल दिया।
भारत ने अब मैच में 2-1 की महत्वूपर्ण बढ़त हासिल कर ली थी।
वहीं, इस गोल के बाद सिमरनजीत हॉकी विश्वकप-2018 में सर्वाधिक गोल करने के मामले में नीदरलैण्डस के जेरोन हट्र्जबर्गर के साथ संयुक्त रूप से शीर्ष पर पहुंच गया। सिमरनजीत और हट्र्जबर्गर के अब तीन-तीन गोल हो गए हैं।
मैच समाप्त होने में मात्र चार मिनट का ही समय बचा था और भारत 2-1 से आगे था। अब ऐसा लग रहा था कि भारत बाकी के चार मिनट निकालकर मैच 2-1 से अपने नाम कर लेगा।
लेकिन बेल्जियम ने हार नहीं मानी और उसने आखिरी चार मिनट में गोलकीपर वाश्च निसेंट को हटाकर एक एक्सट्रा खिलाड़ी को मैदान पर उतारा। बेल्जियम को इसका फायदा भी मिला जब 56वें मिनट में सायमन गौगनार्ड ने गोल कर अपनी टीम को 2-2 से बराबरी दिला दी।
मैच में इसके बाद निर्धारित समय तक और कोई गोल नहीं हो सका और मुकाबला 2-2 से ड्रॉ रहा।
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