नई दिल्ली: लोकसभा में राफेल विमान सौदे पर बुधवार को लोकसभा में हुई तीखी बहस के दौरान कांग्रस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हुए कहा कि पूरा देश उनपर अंगुलियां उठा रहा है। राहुल ने राफेल विमान सौदे की जांच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से कराने की मांग की, लेकिन वित्तमंत्री अरुण जेटली ने उनपर भ्रष्टाचार का मुद्दा गढ़ने का आरोप लगाते हुए उनकी मांग खारिज कर दी। सदन में हुई तीखी बहस के दौरान राहुल गांधी और जेटली के बीच खूब नुक्ताचीनी हुई। कांग्रेस ने राफेल विमान सौदे में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया, जिसे वित्तमंत्री ने यह कहते हुए सिरे खारिज कर दिया कि जो भ्रष्टाचार में संलग्न रहे हैं वे स्वच्छ सरकार की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।
राहुल गांधी ने इस मसले पर गोवा के एक मंत्री की कथित रिकॉर्डिग सुनाने की मांग की, जिसपर कांग्रेस और भाजपा के बीच लोकसभा में तीखी नोकझोंक हुई।
जेटली ने कहा कि 'जिस कांग्रेस की बोफोर्स और अगस्ता वेस्टलैंड जैसे घोटाले की विरासत रही है' वह 'स्वच्छ सरकार' पर आरोप लगा रही है।
राहुल गांधी ने विवादास्पद सौदे पर बहस की शुरुआत सौदे की प्रक्रिया, कीमत और संरक्षण को लेकर मोदी पर हमले से की। उन्होंने कहा कि राफेल की कहानी में अनेक विसंगतियां हैं।
उन्होंने कहा, "मुझे लगता था कि दाल में कुछ काला है, लेकिन यहां तो पूरी दाल ही काली है। हम जेपीसी की मांग कर रहे हैं। इससे सच सामने आ जाएगा। मोदीजी ने प्रक्रियाओं को नजरंदाज किया और अनुबंध एचएएल से छिन लिया गया। जेपीसी जांच की जरूरत है।"
राहुल गांधी मंगलवार को मोदी द्वारा एक टेलीविजन साक्षात्कार में दिए गए उस बयान को खारिज करने की मांग कर रहे थे जिसमें उन्होंने कहा कि राफेल सौदे में व्यक्तिगत तौर पर उनके ऊपर सीधा आरोप नहीं है, बल्कि सरकार पर है।
गांधी ने कहा, "वह (मोदी) बहुत थके (साक्षात्कार में) लग रहे थे। उन्होंने कहा कि किसी ने उनपर अंगुली नहीं उठाई है, लेकिन सच यह है कि पूरा देश उनके ऊपर ही अंगुलियां उठा रहा है।"
गांधी ने कहा कि एक खबर में कहा गया है कि रक्षा मंत्रालय की फाइल नोट में यह कहा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी को राफेल सौदे की बातचीत में दखल नहीं देनी चाहिए।
उन्होंने कहा, "मोदी को इसपर भी जवाब देना चाहिए।"
गांधी ने मोदी पर ऑफसेट कांट्रैक्ट एक निजी कंपनी को दिलाने में प्रक्रियाओं की उपेक्षा करने का आरोप लगाया।
राफेल मामले में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का जिक्र करते हुए कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि शीर्ष अदालत ने यह नहीं कहा है कि मामले की जांच जेपीसी से नहीं होनी चाहिए।
गांधी ने अपना मोबाइल फोन निकालकर गोवा के एक मंत्री की रिकॉर्डिग सुनाना चाहा तो सदन में शोर-शराबा होने लगा। जेटल समेत सत्ता पक्ष के सांसदों ने विरोध किया।
इसपर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने गांधी से कथित बातचीत की प्रमाणिकता साबित करने को कहा और किसी भी प्रकार की रिकॉìडग नहीं सुनाने को कहा।
इसपर राहुल गांधी ने कहा, "वे इतने भयभीत हैं। अगर आप टेप नहीं चलाने से खुश होंगे तो मैं इसे नहीं चलाऊंगा।" उन्होंने कहा कि मैं इसे पढ़कर सुनाऊंगा।
इसपर जेटली ने कहा कि गांधी जानते हैं कि यह झूठा है और इसकी प्रमाणिकता देने से इनकार कर रहे हैं।
वित्तमंत्री ने मैक्रों के संबंध में गांधी के बयान का जिक्र किया और कहा कि वह भी झूठ और मनगढंत था।
फ्रांस की विमान विनिर्माता कंपनी दसॉ के साथ विवादास्पद सौदे पर चर्चा के दौरान वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि जेपीसी से जांच की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि सर्वोच्च न्यायालय ने इसकी प्रक्रिया, कीमत, ऑफसेट उपबंध और एचएएल के मुद्दे पर अपना फैसला दे दिया है।
जेटली ने सरकार द्वारा जेपीसी जांच की मांग खाजिर करने के संबंध में दलील देते हुए कहा कि संसदीय समिति पर सर्वसम्मति तब हो सकती है जब नीति का मसला हो, लेकिन जब जांच का मसला होगा तो वह पक्षपाती हो सकती है।
वित्तमंत्री ने कहा, "राफेल मुद्दा नीति या प्रशासनिक या शासन का विषय नहीं है। यह जांच का मसला है कि सौदा साफ-सुथरा है या नहीं। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि 'कीमत, एचएएल और ऑफसेट को लेकर हम 'संतुष्ट' हैं।' जांच में जेपीसी क्या करेगी।"
उन्होंने बोफोर्स सौदे में रिश्वत को लेकर जेपीसी जांच का जिक्र किया।
जेटली ने कहा, "दिवंगत शंकरानंद की अध्यक्षता में समिति ने जो रिपोर्ट दी उसमें कहा गया कि रिश्वत नहीं दी गई बल्कि वाइंडिंग अप भुगतान किया गया। जेपीसी ने भ्रष्टाचार के मसले की लीपापोती कर दी।" उनकी पार्टी के सदस्यों ने मेज थपथपाकर उनके बयान का स्वागत किया।
जेटली ने कहा, "जेपीसी की मांग अब उनके द्वारा की जा रही है जिनकी भ्रष्टाचार की विरासत रही है और वे भ्रष्टाचार के आरोप गढ़ रहे हैं क्योंकि हमने स्वच्छ सरकार दी है।"
कांग्रेस पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा, "सर्वोच्च न्यायालय का विवेक संतुष्ट हुआ, लेकिन कांग्रेस के चुनावों की आवश्यकता की संतुष्टि नहीं हुई। "
सौदे को लेकर जेपीसी गठन की मांग कर रही कांग्रेस ने सोमवार को अचानक इस मसले पर बहस करवाने का प्रस्ताव दिया, जिसपर जेटली ने पार्टी को चुनौती दी थी।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनके परिवार पर हमला जारी रखते हुए जेटली ने कहा कि 'देश में एक ही परिवार राफेल सौदे में भ्रष्टाचार का मसला उठा रहा है, जिनके हाथ भ्रष्ट सौदों में रहे हैं।' उन्होंने राफेल सौदे को राष्ट्र के हित में बताया और कहा कि वायु सेना को अपने लड़ाकू दल को मजबूत बनाने के लिए जेट विमान की सख्त जरूरत है।
वित्तमंत्री ने कहा कि राहुल गांधी को बुनियादी बात (एबीसीडी) सिखाने की जरूरत है क्योंकि उन्होंने ऑफसेट पार्टनर को विमान विनिर्माता बताया है।
उन्होंने कहा, "मुझे उस पार्टी से ऐसी अज्ञानता की अपेक्षा नहीं थी जिसने देश पर 60 साल तक शासन किया है।"
राफेल का विवरण देते हुए जेटली ने कहा कि वर्तमान सरकार ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के मुकाबले बहुत सस्ती कीमत पर लड़ाकू विमान का सौदा किया है।
उन्होंने कहा हि विमान और हथियार युक्त विमान के बीच अंतर होता है। उन्होंने कहा, "हमें संप्रग सरकार के मुकाबले करीब नौ फीसदी कम कीमत पर विमान और 20 फीसदी कम कीमत पर हथियार युक्त विमान मिले हैं।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सौदे को लेकर एकतरफा फैसला लेने और नियमित प्रक्रिया का अनुकरण नहीं संबंधी राहुल गांधी के आरोप को खारिज करते हुए जेटली ने कहा कि अनुबंध वार्ता समिति, कीमत वार्ता समिति और हथियार की जरूरतों को लेकर रक्षा विभाग के अधिकारियों की 74 बैठकों के बाद सभी प्रक्रियाओं का पालन किया गया।
उन्होंने कहा, "रक्षा मंत्रालय की रक्षा खरीद परिषद और सुरक्षा मामले की मंत्रिमंडलीय समिति द्वारा विधिवत जांच के बाद सौदे को अंतिम रूप दिया गया।"
राहुल गांधी ने अपने भाषण में गोवा के मंत्री का जिक्र करते हुए कहा कि वह कहते हैं कि मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के पास राफेल सौदे की सारी फाइलें हैं।