अब कौन होगा उत्‍तराखंड का मुख्यमंत्री? चार साल उत्तराखंड के सीएम रहे त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दिया इस्तीफा

:: न्‍यूज मेल डेस्‍क ::

वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने राज्य की 75 में से 57 सीटों पर अपना कब्जा जमाया था। रावत राज्य में भाजपा के पांचवें मुख्यमंत्री थे। उन्होंने राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया है।

देहरादून: उत्तराखंड में नेतृत्व से जनता के असंतोष के बीच मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया है। वह चार साल तक उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे। उत्तराखंड में अगले सीएम की रेस में जो नाम माने जा रहे हैं उनमें केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज, मंत्री धनसिंह रावत, सांसद अनिल बलूनी व सांसद अजट भट्ट का नाम शामिल है। कल देहरादून में होने वाली विधायक दल की बैठक में इसपर फैसला किया जा सकता है।

इस्तीफा देने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में रावत ने कहा, ‘मैं लंबे समय से राजनीति में काम कर रहा हूं। मेरा सौभाग्य रहा है कि बीते चार साल मुझे देव भूमि में सेवा करने का मौका मिला। एक छोटे से गांव में मैंने जन्म लिया। पिता जी पूर्व सैनिक थे। कभी कल्पना भी नहीं की थी कि पार्टी मुझे इतनी बड़ी जिम्मेदारी देगी। लेकिन भारतीय जनता पार्टी में ही यह संभव था। उन्होंने कहा, सामूहिक रूप से यह फैसला किया गया कि अब किसी और को यह जिम्मेदारी दी जानी चाहिए।’

गौरतलब है कि अमित शाह से दो राउंड की बैठक के बाद बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को तलब किया था। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवार को भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा से उनके आवास पर मुलाकात की थी। इस मुलाकात से पहले रावत ने पार्टी के राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी के साथ बैठक की थी। नड्डा से लगभग 40 मिनट की मुलाकात के बाद रावत ने पत्रकारों के सवालों का कोई जवाब नहीं दिया और दिल्ली स्थित अपने आवास के लिए रवाना हो गए।

बताते चलें कि रावत और नड्डा की यह मुलाकात पिछले दो दिनों से उत्तराखंड में चले नाटकीय घटनाक्रम के बाद हुई थी जब भाजपा उपाध्यक्ष रमन सिंह और महासचिव व राज्य के प्रभारी दुष्यंत गौतम बिना किसी तय कार्यक्रम के पिछले दिनों देहरादून पहुंचे और राज्य के कोर समूह के नेताओं की बैठक की थी।  मामले में दोनों केंद्रीय पर्यवेक्षक अपनी रिपोर्ट पार्टी चीफ जेपी नड्डा को सौंप चुके हैं। दरअसल, सीएम की कार्यशैली पर कुछ विधायकों ने बीते समय में आलाकमान के पास अपनी बात रखी थी।

भाजपा सांसद और उत्तराखंड के वरिष्ठ नेता अजय भट्ट ने पीटीआई-भाषा को बताया कि पार्टी में ‘‘सब कुछ ठीक है।’’हालांकि उत्तराखंड भाजपा के मुख्य प्रवक्ता व विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने स्पष्ट किया कि पार्टी की ओर से विधायक दल की कोई बैठक नहीं बुलाई गई है और ना ही मुख्यमंत्री को लेकर पार्टी या कार्यकर्ताओं के बीच कोई नाराजगी है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह पूरी तरह से गलत है कि मुख्यमंत्री को लेकर किसी भी प्रकार की कोई नाराजगी है।’’रावत की नड्डा से मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि उत्तराखंड चुनावी वर्ष में प्रवेश कर रहा है, इसलिए बैठकों का होना एक प्रक्रिया है। पार्टी में विचार-विमर्श की प्रक्रिया लगातार चलती रहती है।’’ राज्य में नेतृत्व परिवर्तन संबंधी खबरों के बारे में पूछे जाने पर चौहान ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया।

हालांकि उन्होंने यह जरूर कहा कि भाजपा एक लोकतांत्रिक पार्टी है और उसमें एक निर्धारित प्रक्रिया के तहत फैसले होते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘पार्टी का संसदीय बोर्ड इसके लिए अधिकृत है और इस बारे में मैं कुछ नहीं कह सकता।’’ उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री रावत मंगलवार को पूर्वाह्न 10-11 बजे के करीब दिल्ली से देहरादून के लिए रवाना होंगे।

बताते चलें कि रावत उत्तराखंड के नौवें मुख्यमंत्री हैं। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली भारी सफलता के बाद पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने राज्य की कमान रावत को सौंपने का फैसला किया था। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने राज्य की 75 में से 57 सीटों पर अपना कब्जा जमाया था। रावत राज्य में भाजपा के पांचवें मुख्यमंत्री हैं। अगले साल के शुरुआती महीनों में उत्तराखंड विधानसभा के चुनाव होने की संभावना है।

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