लेखक एवं नेता शशि थरूर ने दावा किया है कि हिंदुत्व को राजनीतिक रूप से पेश करना कुछ और नहीं बल्कि हिंदू धर्म पर प्रहार है। उन्होंने यह भी कहा कि सहस्राब्दियों से विश्व कल्याण की कामना करने वाले इस धर्म ने बाहरी आक्रमणों में अपनी प्रतिरोध क्षमता का प्रदर्शन किया है किंतु भीतर से होने वाले हमलों के कारण अब यह अपनी कमजोरी दिखा रहा है।नई पुस्तक ‘ द हिंदू वे- एन इंट्रोडक्शन टू हिंदुइज्म’ में उन्होंने हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण दर्शनों जैसे अद्वैत वेदांत पर गहन चिंतन किया है और उन प्रारंभिक धारणाओं की ओर ध्यान दिलाया है जो धर्म का आधार है। यह पुस्तक उनकी पूर्व की किताब ‘ वाई आई एम ए हिंदू ’ की श्रृंखला की अगली कड़ी है।
थरूर ने किताब में लिखा, हिंदू धर्म अपने खुलेपन, दूसरे विचारों का सम्मान करने और अन्य विश्वासों को स्वीकार करने के लिए जाना जाता है। यह एक ऐसा धर्म है जो अन्य धर्मों के भय के बिना डटा रहा। लेकिन यह वह हिंदुत्व नहीं है जिसने बाबरी मस्जिद तोड़ी, न ही यह सांप्रदायिक राजनीतिक नेताओं द्वारा घृणा भरे बोलों का वमन है।
अठारह पुस्तकें लिख चुके थरूर ने कहा कि हिंदुत्व का ऐसा दृष्टिकोण पेश करने के लिए हिंदुत्व राजनीति का विरोध किया जाना चाहिए। यह दृष्टिकोण ऐसी हर उस चीज का विरोध करता है जिसके पक्ष में सार्वभौम धर्म होता है।
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