सीतारमण का एबाउट टर्न!..

:: न्‍यूज मेल डेस्‍क ::

छोटी बचत (Small Savings) का महत्व खाये-पीये-अघाये लोग नहीं समझ सकते। इसका महत्व तो वे ही समझ सकते हैं जो बड़ी मेहनत से महीने में महज कुछ सौ या हजार रुपये बचा पाते हैं। उसे डाकघर (Post Office) या पास के बैंक (Bank) में छोटी बचत की योजना (Small Savings Scheme) में जमा करते हैं। ऐसे लोगों की जेब पर डाका डालता हुआ।

केंद्रीय वित्त मंत्रालय का कल फरमान आया था कि छोटी बचत की योजनाओं पर ब्याज दर में 1.1 फीसदी तक की कटौती होगी। इसके साथ ही पीपीएफ एवं सेविंग्‍स सर्टिफिकेट्स के इंटरेस्‍ट में भी कटौती की बात कहीं गयी थी। हालांकि, आज सुबह केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट कर जानकारी दी वह आदेश 'भूलवश' (Issued by Oversight) जारी हो गया था। उसे वापस लिया जा रहा है।


वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) में काम करने वाले अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि ऐसे आदेश भूलवश जारी नहीं होते। इसके लिए कई दिनों तक फाइल चलती है। इस पर संबंधित विभाग के डाइरेक्टर, ज्वाइंट सेक्रेटरी से लेकर अडिशनल सेक्रेटरी और सेक्रेटरी तक की सहमति ली जाती है। मामला संवेदनशील हो तो मंत्री की भी अनुमति अनिवार्य है।

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