जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को केंद्र सरकार ने पासपोर्ट देने से इनकार कर दिया गया है। मुफ्ती को जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद एक साल से अधिक समय तक नजरबंद रखा गया था। इस समय मुफ्ती पर मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में जांच की जा रही है।
महबूबा मुफ्ती ने आज ट्वीट किया कि पासपोर्ट कार्यालय ने जम्मू-कश्मीर की सीआईडी की एक रिपोर्ट का हवाला दिया है, जिसके आधार पर पासपोर्ट देने से इनकार कर दिया गया है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘पासपोर्ट कार्यालय ने सीआईडी की रिपोर्ट के आधार पर मेरे पासपोर्ट को ‘भारत की सुरक्षा के लिए खतरनाक बताते हुए जारी करने से इनकार कर दिया है। यही है कश्मीर में 'सामान्य स्थिति' का स्तर (दावा) जो अगस्त 2019 से हासिल हुई है कि ..एक पूर्व मुख्यमंत्री को पासपोर्ट देना देश की संप्रभुता के लिए खतरा है।’
बतायें कि इस समय प्रवर्तन निदेशालय महबूबा मुफ्ती से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले के संबंध में जांच कर रहा है। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार असहमतिपूर्ण विचार रखने के चलते मुफ्ती को निशाना बना रही है। मुफ्ती ने आरोप लगया है कि मोदी सरकार राष्ट्रीय जांच एजेंसी,केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय जैसी एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।
पिछले हफ्ते ईडी द्वारा पांच घंटे तक पूछताछ किए जाने के बाद, मुफ्ती ने आरोप लगाया था कि मौजूदा सरकार विरोध करने वाले किसी भी व्यक्ति पर देशद्रोह या मनी लॉन्ड्रिंग जैसे आरोप लगा रही है। उन्होंने कहा, ‘इस देश में असहमति का अपराधीकरण किया जा रहा है। ईडी, सीबीआई और एनआईए का दुरुपयोग विपक्ष को चुप कराने के लिए किया जा रहा है।’