इंटरनेट अब जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है। अगर इसकी गति धीमी या तेज होती है तो रोज़मर्रा की ज़िंदगी पर असर पड़ता है। कल्पना करें कि इंटरनेट की स्पीड बहुत अधिक बढ़ जाए तो आम जन-जीवन पर उसका क्या-क्या असर या सकारात्मक बदलाव हो सकता है। हेल्थकेयर से लेकर यातायात तक और मनोरंजन से लेकर शिक्षा व्यवस्था तक, संचार से लेकर आरामदायक लाइफ स्टाइल तक, जीवन के हर पहलू में क्रांति देखने को मिल सकती है। ड्राइवरलेस कार की अवधारणा हो या ड्रोन द्वारा घर तक दवाईयां या पिज्ज़ा पहुंचाना, सब कुछ 5जी आधारित इंटरनेट सेवा से मुमिकन हो सकता है। ऐसा कई वर्षों पहले विज्ञान पर आधारित फिल्मों में ही देखने को मिलता था जिसमें हर काम के लिए रोबोट और कंप्यूटर को आदेश देने जैसे दृश्य दिखाई देते थे। लेकिन ये सभी बातें अब असल ज़िंदगी में साकार होती दिखाई दे रही है।
5जी तकनीक के आने से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी कंप्यूटर द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली कृत्रिम बुद्धिमत्ता में भी इजाफा देखने को मिलेगा। दरअसल 5जी, पांचवी पीढ़ी की वायरलेस तकनीक है जिसमें कई जीबीपीएस की डाटा स्पीड सम्मिलित होती है और एक साथ कई उपयोगकर्ता इस सेवा का उपयोग. कई तरह के उद्योगों में कर सकते हैं। सैकड़ों किलोमीटर दूर बैठे डॉक्टर ई-मेडिसिन के जरिए हार्ट सर्जरी करने में सक्षम होंगे तो बड़ी-बड़ी 8के (यूएचडी) या अल्ट्रा हाई-डेफिनिशन फिल्मों की फाइलों को चुटकियों में सिर्फ 1 में डाउनलोड की जा सकेंगी। इंटरनेट स्पीड इतनी तेज़ होगी कि मौजूदा डीटीएच तकनीक के बजाय लाइव प्रसारित होने वाले खेल के आयोजन 8के पिक्चर फॉर्मेट में इंटरनेट के जरिए मोबाइल फोन या टीवी पर देखे जा सकता है। रोज़मर्रा के जीवन में भी 5जी तकनीक का इस्तेमाल जीवन को सुविधायुक्त बनाने में मदद कर सकता है। चाहे वो किसी का घर खोजना हो या घर में एसी, टीवी या अन्य उपकरणों का ऑपरेशन, सुरक्षा संबंधित सीसीटीवी कैमरों का परिचालन हो या रसोई में इस्तेमाल होने वाला ओवेन, ये सभी चीज़ें अब ना केवल स्मार्ट हो रही हैं बल्कि भविष्य में 5जी तकनीक के माध्यम से तेज रफ्तार वाली भी होंगी। जानकारों का मानना है कि 5जी तकनीक और 4जी तकनीक की तुलना करें तो 5जी टेक्नॉलोजी, 4जी से 500 फीसदी ज्यादा तेज होती है।
बिना ड्रायवर की कार हो या दवाइयों को सीधे घरों तक पहुंचाते ड्रोन, इन सभी उच्च तकनीकों की चीज़ों को साकार करने में एआई और आईओटी(इंटरनेट ऑफ थिंग्स) का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होता है लेकिन ये भी 5जी नेटवर्क पर ही आधारित होता है, लगातार तेज गति का इंटरनेट इन सभी तकनीकों को चलायमान बनाकर रखता है।
हालांकि 5जी पूर्ण रुप से जीवन का हिस्सा अभी बना नहीं है लेकिन इन्हीं दिनों में 6जी तकनीक के आगमन की बातें होने लगी हैं। उम्मीद की जा रही है कि वो 5जी तकनीक से भी 50 गुना अधिक तेज होगा। हालांकि एशिया के प्रमुख देशों में इसका व्यवसायिक इस्तेमाल इस दशक के अंत तक शुरू हो सकता है। फिलहाल तो दुनिया भर के बाज़ारों में 5जी आधारित स्मार्टफोन की बिक्री शुरू हो गई है यानी इसका इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है और अगले वर्ष तक सस्ते वाले 5जी स्मार्टफोन भी बाज़ारों में उपलब्ध होंगे।