पटना: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने आज एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) पर शोध की जरूरत पर बल दिया। एईएस से बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में अब तक 84 बच्चों की मौत हो चुकी है। सरकारी श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज व अस्पताल (एसकेएमसीएच) का दौरा करने के बाद हर्षवर्धन ने कहा, "बीमारी की पहचान करने के लिए शोध होना चाहिए, जिसकी अभी भी पहचान नहीं है और इसके लिए मुजफ्फरपुर में शोध की सुविधा विकसित की जानी चाहिए।"
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे के साथ हर्षवर्धन ने राज्य के स्वामित्व वाले श्रीकृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसकेएमसीएच) का दौरा किया।
हर्षवर्धन ने कहा कि बीमारी के प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए चिकित्सा क्षेत्र की सभी शाखाओं को मिलकर काम करना चाहिए।
उन्होंने कहा, "हमें अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ मिलकर काम करना चाहिए।"
उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों के सभी बच्चों का टीकाकरण किया जाना चाहिए और लोगों को बीमारी के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए।
हर्षवर्धन ने स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार, राज्य सरकार को एईएस के प्रकोप के बाद स्थिति को नियंत्रित करने में मदद कर रही है।
उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार स्थिति को नियंत्रित करने उचित उपचार प्रदान करने और इसके लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा विकसित करने के लिए राज्य को वित्तीय मदद के साथ सभी संभव सहायता प्रदान करेगी।"
उन्होंने कहा, "यह स्तब्ध करने वाला व कष्टदायक है कि बच्चे मर रहे हैं। मैंने माता-पिता के दुख व दर्द को महसूस किया है।"
उन्होंने कहा, "बीमारी को नियंत्रित करने व रोक लगाने के लिए एक समय सीमा का निर्णय लिया गया है।"
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुजफ्फरपुर में बायोलॉजिकल लैबोरेटरी को उन्नत किया जाएगा और एम्स पटना सहित राज्य में नई लैब स्थापित की जाएंगी।
हर्षवर्धन ने कहा कि गर्म मौसम के साथ उच्च आद्र्रता भी एईएस के प्रकोप के मुख्य कारणों में से एक है।
उन्होंने कहा, "मैंने एईएस प्रकोप पर चिकित्सकों व स्वास्थ्य अधिकारियों से चर्चा की है और व्यापक समीक्षा की है और उन्हें निर्देश दिया है कि इस तरह के हालात फिर दोहराए नहीं जाए।"
उन्होंने कहा कि उन्होंने निजी तौर पर सभी गंभीर रूप से बीमार बच्चों को देखा है, जिनका इलाज चल रहा है। उनके माता-पिता से मुलाकात की है और उनके समस्याओं पर चर्चा की है।
उन्होंने कहा, "मैंने एईएस पर मुजफ्फरपुर के शीर्ष स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ चर्चा की है।"
स्थिति अभी भी चिंताजनक है। हर्षवर्धन के दौरे के दौरान एसकेएमसीएच के दो और बच्चों की मौत हो गई, इनका इलाज चल रहा था।
हर्षवर्धन ने कहा, "लोगों से मेरी अपील है कि वे अपने बच्चों की देखभाल करें, तेज गर्मी के दौरान चिलचिलाती धूप में उन्हें बाहर न जाने दें। बच्चों को पर्याप्त मात्रा में पानी पिलाएं और यदि उन्हें एईएस में कोई लक्षण विकसित हों तो उन्हें बिना देर तुरंत अस्पताल लाया जाना चाहिए।"
हालांकि, बीमारी की वजह से होने वाली अनाधिकारिक मौतों की संख्या 100 से ऊपर कही जा रही है, क्योंकि कुछ बच्चे अस्पतालों में भर्ती होने से पहले गांवों में मौत की भेंट चढ़ गए।
इस बीच शहर में एसकेएमसीएच और निजी केजरीवाल अस्पताल में एईएस के लक्षणों के साथ नए मामलों का सामने आना जारी है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, शनिवार को बेगूसराय जिले में दो और पूर्वी चंपारण जिले में तीन बच्चों की मौत हो गई थी।