पड़ोस के देश म्यांमार में वहां की सेना द्वारा तख्ता पलट के बाद हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। सेना की हिंसा में वहां के पांच सौ से अधिक नागरिक मारे जा चुके हैं। वहां की सेना द्वारा यह तख्तापलट वहां की चुनी गई सरकार की नागरिक नेता आंग सान सू ची को हटाने के लिए किया गया था। उसके बाद से देश में प्रदर्शन हो रहे हैं। सेना ने इन प्रदर्शनों को दबाने के लिए ताकत का इस्तेमाल किया है। म्यांमार में लोकतंत्र फिर से कायम हो इस दिशा में दुनिया भर के देश प्रयासरत हैं, वहां की सेना पर दबाव बना रहे हैं। जबकि पिछले दिनों वहां संपन्न एक सैन्य परेड में भारत के प्रतिनिधि शामिल हुए। यह उसी दिन की बात है जिस दिन सबसे अधिक लोग, 100 से अधिक, म्यांमार सेना की कार्रवाई में मारे गये थे।
बहरहाल इस बीच एक चौंका देनेवाली जांच रिपोर्ट सामने आयी है। उस जांच रिपोर्ट में यह बात सामने आयी है कि भारत का अडानी समूह की म्यांमार सेना द्वारा नियंत्रित एक कंपनी के साथ 290 मिलियन डॉलर की एक कमर्शियल डील है। यहां बताना भी प्रासंगिक होगा कि म्यांमार की सेना पर संयुक्त राष्ट्र (UN) ने नरसंहार और मानवता के खिलाफ अपराध करने के आरोप लगाए हैं।
ऑस्ट्रेलिया के ABC न्यूज नेटवर्क की एक जांच रिपोर्ट के मुताबिक आरोप है कि अडानी पोर्ट, म्यांमार इकनॉमिक कॉर्पोरेशन (MEC) के साथ मिलकर एक कंटेनर पोर्ट डेवलप कर रही है। MEC को म्यांमार की मिलिट्री 'जुंटा' फंड मुहैया करती है। फरवरी में जब म्यांमार की सेना ने चुने हुए नेताओं को हिरासत में लेकर तख्तापलट किया था, तब अमेरिका ने उस कंपनी MEC पर प्रतिबंध लगाए था। यह जांच रिपोर्ट मानवाधिकार वकीलों और एक्टिविस्टों की एक रिपोर्ट पर आधारित है।
मीडिया द्वारा पूछे जाने पर अडानी पोर्ट्स ने म्यांमार की सेना की लीडरशिप के साथ बातचीत करने से इनकार किया है। जबकि, वीडियो और फोटो दिखाती हैं कि अडानी पोर्ट्स के सीईओ करन अडानी ने जुलाई 2019 में सेना के प्रमुख मीन आंग लाइंग से मुलाकात की थी। और यह मुलाकात भारत में, विस्तार से बतायें तो गुजरात के मुंद्रा पोर्ट पर हुई थी। जिसकी तस्वीर आप यहां देख सकते हैं।
फरवरी में म्यांमार की सेना के तख्तापलट के बाद अडानी समूह ने अपने बयान में सैन्य नेताओं के साथ 290 मिलियन डॉलर की डील करने से इनकार किया था। जबकि, म्यांमार की सेना ने YouTube पर जो वीडियो अपलोड किए हैं और सरकारी मीडिया ने जो रिपोर्ट किया है, उसमें करन अडानी को लाइंग से मिलते दिखाया गया है। लाइंग पर युद्ध अपराधों के आरोप हैं। गुजरात के मुंद्रा में अडानी पोर्ट पर लाइंग को गिफ्ट देते हुए देखा जा सकता है।
म्यांमार के कॉर्पोरेट रेगुलेटर को दिए गए दस्तावेज दिखाते हैं कि प्रोजेक्ट के लिए अडानी 141 मिलियन डॉलर ‘कैपिटल इन-कैश’ और 148 मिलियन डॉलर ‘कैपिटल इन-काइंड’ ला रही है।
रिपोर्ट के लेखक और ACIJ के मानवाधिकार वकील रवान अर्राफ ने कहा कि दस्तावेज तख्तापलट के बाद यांगून रीजन इंवेस्टमेंट कमीशन से लीक हुए थे।
दस्तावेजों के मुताबिक, अडानी की कंपनी MEC को 30 मिलियन डॉलर 'लैंड लीस फीस' और 22 मिलियन डॉलर 'लैंड क्लीयरेंस फीस' में दिया है.
अडानी पोर्ट्स की प्रवक्ता ने कहा था कि म्यांमार सेना के जनरल का दौरा भारतीय सरकार ने आयोजित किया था और मुंद्रा पोर्ट 'दौरे की कई लोकेशन में से एक था।'
फोटो में अडानी पोर्ट्स के मुखिया करण अडानी और म्यांमार सेना प्रमुख मीन आंग लाइंग 2019 में गुजरात के मुंद्रा पोर्ट पर देखे जा सकते हैं। (स्त्रोत: एबीसी)