विजयदशमी पर पहले राफेल विमान की शस्त्रपूजा की रक्षामंत्री ने 

:: न्‍यूज मेल डेस्‍क ::

फ्रांस ने राफेल का पहला जेट विमान RB 001 भारत को सौंप दिया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कुछ देर बाद इसकी शस्त्र पूजा करेंगे, जबकि वह इसके बाद उसमें उड़ान भरेंगे। राफेल सौंपे जाने की प्रक्रिया के दौरान इस कॉम्बैट विमान से जुड़ी फिल्म भी दिखाई गई थी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कार्यक्रम के दौरान कहा, “भारतीय सुरक्षा बलों के लिए आज ऐतिहासिक दिन है। हमें तय समय पर यह फाइटर प्लेन मिल रहा है। भारत और फ्रांस के रिश्ते इससे और मजबूत होंगे। राफेल के देश आ जाने से भारतीय वायुसेना भी और ताकतवर बनेगी।”

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राफेल लड़ाकू विमान की की विधिवत शस्त्र पूजा भी की। उन्होंने राफेल जेट पर 'ऊं' लिखा। आपको बता दें कि भारत को मिले पहले राफेल जेट का नाम वायुसेना प्रमुख राकेश भदौरिया के नाम पर RB 001 रखा गया है। बता दें कि फ्रांस राफेल की पहली खेप में 36 ऐसे कॉम्बैट एयरक्राफ्ट देश को देगा। यह विमान ट्विन सीट वाला ट्रेनर है। हालांकि, ट्रेनर से यह मतलब नहीं कि यह सिर्फ ट्रेनिंग के काम में लाया जाएगा।

भारत ने 59000 करोड़ रुपए में खरीदे 36 राफेल
भारत ने करीब 59000 करोड़ रुपए मूल्य पर 36 राफेल लड़ाकू जेट विमान खरीदने के लिए सितंबर, 2016 में फ्रांस के साथ अंतर-सरकारी समझौता किया था। सूत्रों ने बताया कि विमान का पहला स्क्वाड्रन अंबाला वायुसेना स्टेशन पर तैनात किया जाएगा जो भारतीय वायुसेना के सामरिक रूप से अति महत्वपूर्ण अड्डों में एक समझा जाता है। यह अड्डा भारत पाक सीमा से करीब 220 किलोमीटर दूर है। राफेल का दूसरा स्क्वाड्रन पश्चिम बंगाल में हाशिमारा अड्डे पर तैनात किया जाएगा।

क्‍या खासियतें हैं राफेल की
राफेल एक मिनट में 60 हजार फुट की ऊंचाई तक जा सकता है और इसकी फ्यूल कैपेसिटी तकरीबन 17 हजार किलोग्राम है।
राफेल 2,223 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ान भर सकता है। यह हर तरह के मौसम में काम करने में सक्षम है इसलिए इस विमान को मल्टिरोल फाइटर एयरक्राफ्ट के नाम से भी जाना जाता है।
राफेल की मारक क्षमता 3700 किलोमीटर है, इसकी स्काल्प की रेंज तकरीबन 300 किलोमीटर है। स्काल्प एक खास प्रकार की मिसाइल है जो जमीन से हवा में मार कर सकने में सक्षम है।
राफेल फाइटर प्लेन एंटी शिप अटैक से लेकर परमाणु अटैक, क्लोज एयर सपॉर्ट और लेडर डायरेक्ट लॉंग रेंज मिसाइल अटैक में भी अग्रणी है। ये क्षमताएं इस विमान को और भी ज्यादा खतरनाक बनाती है।
राफेल एक साथ 24,500 किलोमीटर तक का वजन लादकर 60 घंटे की अतिरिक्त उड़ान लगातार भर सकता है।

भारत को मिलने वाले राफेल में कई बदलाव भी किये जाएंगे। इसमें इजरायली हेलमेंट माउंटेड डिस्प्ले, राडार वार्निंग रिसीवर्स, लो बैंड जैमर्स, 10 घंटे का फ्लाउट डेटा रिकार्डिंग सिस्टम सहित इन्फ्रा रेड सर्च ट्रैकिंग सिस्टम लगाया जाएगा।

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