केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार संसद के मानसून सत्र के लिए कमर कस रही है जो 18 जुलाई (सोमवार) से शुरू होने वाला है और 12 अगस्त को समाप्त होगा। जानकारी के मुताबिक, इस सत्र के दौरान सरकार की तरफ से 24 बिल पेश करने का प्रस्ताव है। इसके अलावा, आठ और विधेयक पहले से ही लंबित हैं।
केंद्र सरकार नियामकीय व्यवस्था को मजबूत करने और नए दौर के बाजार की जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रतिस्पर्धा और दिवाला कानून में संशोधन संबंधी विधेयक इस मानसून सत्र में पेश कर सकती है। सोमवार से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र में इन कानूनों में संशोधन करने संबंधी विधेयकों को पेश करने, चर्चा तथा पारित कराने के लिए सूचीबद्ध किया गया है। इसके अलावा दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (संशोधन), विधेयक, 2022 भी मानसून सत्र के दौरान संसद में पेश किया जाएगा।
इस मानसून सत्र के दौरान राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का भी चुनाव होना तय है। सत्र के पहले दिन सभी सांसद संसद के मतदान केंद्रों पर राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान करेंगे। इसके बाद 21 जुलाई को मतगणना होगी। एनडीए की तरफ से द्रौपदी मुर्मू जबकि विपक्ष की तरफ से यशवंत सिन्हा राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार हैं।
मानसून सत्र के दौरान उठाए जाने वाले मुद्दे पर चर्चा करने और संसद के दोनों सदनों के सुचारू कामकाज में सहयोग मांगने के लिए सरकार द्वारा बुलाई बैठक में विभिन्न दलों के नेता शामिल हुए। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बैठक की अध्यक्षता की जबकि संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी और राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल भी इसमें मौजूद रहे।
धनखड़ से होगा मुकाबला
सर्वदलीय बैठक में पीएम की अनुपस्थिति पर कांग्रेस ने उठाए सवाल: वहीं, कांग्रेस ने मानसून सत्र के मद्देनजर सरकार द्वारा बुलाई सर्वदलीय बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी के शामिल न होने पर आपत्ति जताई और पूछा कि क्या यह ‘असंसदीय’ नहीं है। कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने ने ट्वीट किया कि संसद के आगामी सत्र पर चर्चा करने के लिए सर्वदलीय बैठक शुरू हो गई है और प्रधानमंत्री हमेशा की तरह अनुपस्थित हैं। क्या यह ‘असंसदीय’ नहीं है’। मानसून सत्र के दौरान विपक्ष सरकार को महंगाई के साथ-साथ अग्निपथ योजना के मुद्दे पर घेरने की तैयारी में है।