बेतिया/गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज और पश्चिमी चंपारण जिलों में पिछले दो दिनों में कथित तौर पर नकली शराब के सेवन से कम से कम 24 लोगों की मौत हो गई है और कई अन्य बीमार हो गए हैं। समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, पश्चिम चंपारण जिले के मुख्यालय बेतिया के तेलहुआ गांव में गुरुवार (चार नवंबर को दिवाली के दिन) को कथित तौर पर शराब पीने से आठ लोगों की मौत हो गई, जबकि जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा छह और लोगों की मौत की पुष्टि के बाद गुरुवार को ही गोपालगंज में संदिग्ध नकली शराब के सेवन की एक अन्य घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर 16 हो गई।
दोनों जिलों के प्रशासन ने अब तक मौतों के कारणों की पुष्टि नहीं की है। तेलहुआ शराब त्रासदी पिछले दस दिनों में उत्तरी बिहार में इस तरह की तीसरी घटना है।
गोपालगंज पहुंचे बिहार के मंत्री जनक राम ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘मैंने उन लोगों के घर का दौरा किया है, जिनकी कथित तौर पर नकली शराब पीने से मौत हुई है। यह एनडीए सरकार को बदनाम करने की साजिश हो सकती है।’
गोपालगंज के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी आनंद कुमार ने कहा, ‘पिछले दो दिनों में जिले के मुहम्मदपुर गांव में कुछ लोगों की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई है। उनकी मौत के कारण की पुष्टि नहीं की जा सकती, क्योंकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार है। तीन टीमें मामले की जांच कर रही हैं।’
स्थानीय पुलिस ने कहा कि कुछ शवों का उनके परिवारों ने अंतिम संस्कार कर दिया है।
उन्होंने कहा कि गुरुवार को चार लोगों की मौत हो गई, जब उनका इलाज चल रहा था और दो अन्य की अस्पताल ले जाने के दौरान मौत हो गई।
रिपोर्ट के अनुसार, प्रथमदृष्टया ये मौतें किसी जहरीले पदार्थ के सेवन से हुईं लगती हैं। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस ने बताया कि मंगलवार से बुधवार (दो और तीन नवंबर) के बीच हुई इस घटना के सिलसिले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
20 से अधिक व्यक्तियों, जिनमें से ज्यादातर अनुसूचित जाति के थे, ने कथित तौर पर इलाके के स्थानीय व्यापारियों द्वारा बेची जा रही नकली शराब का सेवन किया था, पुलिस ने उनकी पहचान कर ली है।
पश्चिम चंपारण में मृतकों की पहचान तेलहुआ गांव के वार्ड 2, 3 और 4 के निवासियों के रूप में हुई है। इस घटना में भी जिला प्रशासन ने अभी तक उनकी मौत के कारणों की पुष्टि नहीं की है।
रिपोर्ट के अनुसार, पश्चिम चंपारण के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी उपेंद्र नाथ वर्मा ने कहा कि मामले की जांच जारी है। जिला प्रशासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी तेलहुआ में डेरा डाले हुए हैं।
ग्रामीणों ने दावा किया कि सभी पीड़ितों ने बुधवार शाम तेलहुआ गांव के चमारटोली इलाके में शराब का सेवन किया था। शराब पीने के बाद उनमें से आठ की हालत बिगड़ गई और उन्हें पास के अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई।
ऐसी खबरें हैं कि कुछ और ग्रामीणों ने भी शराब का सेवन किया था, जिन्हें क्षेत्र के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि 28 अक्टूबर से मुजफ्फरपुर जिले के रूपौली गांव में जहरीली शराब पीने से आठ लोगों की मौत हो गई थी और चार का मुजफ्फरपुर के विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है।
उन्होंने बताया कि इस साल जनवरी से 31 अक्टूबर तक नवादा, पश्चिमी चंपारण, मुजफ्फरपुर, सीवान और रोहतास जिलों में कथित रूप से जहरीली शराब पीने से करीब 70 लोगों की मौत हो चुकी है और कई अन्य की आंखों की रोशनी चली गई है।
नीतीश कुमार ने बीते एक नंवबर को संवाददाताओं से कहा था कि शराब पर प्रतिबंध समाज के हित में है।
उन्होंने कहा था, ‘हमने राज्य में शराबबंदी की शुरुआत की क्योंकि शराब एक गंदी चीज है। मिलावटी रूप में सेवन करने पर शराब के दुष्परिणाम कई गुना बढ़ जाते हैं। मुझे पता है कि राज्य में अधिकांश लोग शराबबंदी के पक्ष में हैं और मुट्ठी भर लोग जो इसका उल्लंघन करते हैं।’
नीतीश कुमार सरकार ने 5 अप्रैल 2016 को राज्य में शराब के निर्माण, व्यापार, भंडारण, परिवहन, बिक्री और खपत पर प्रतिबंध लगा दिया था। मुख्यमंत्री ने लोगों से इस मिशन में सहयोग करने की अपील की थी, क्योंकि ‘शराब स्वास्थ्य और समाज के लिए खराब है।’
विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार शराबबंदी वाले राज्य में नकली शराब की बिक्री और आपूर्ति को रोकने में विफल रही है।
मुख्यमंत्री गड़बड़ पर जब बड़बड़ प्रवचन दे रहे है तो इनके बगल में जो भाजपाई मंत्री खड़े है ना, उनके स्कूल के अंदर से दो ट्रक शराब बरामद हुई थी। पुलिस FIR में इसका ज़िक्र भी है। मंत्री के नामज़द भाई को आज तक बिहार पुलिस गिरफ़्तार नहीं कर सकी है। यह इनकी कथित शराबबंदी की सच्चाई है।
उन्होंने कहा, ‘पुलिस मृतकों का पोस्टमॉर्टम किए बिना ही शवों का निस्तारण कर रही है। शराबबंदी पर लंबे-चौड़े दावे कर रहे नीतीश कुमार क्या इन मौतों के लिए जिम्मेदार नहीं हैं?’
तेजस्वी ने एक ट्वीट में कहा है, ‘जब गड़बड़ चीज पीजिएगा तो आप चले जाइएगा – नीतीश जी, शराबबंदी पर बड़बड़ करने वालों के राज में विगत तीन दिनों में ही जहरीली शराब से 50 से अधिक मौतें हो चुकी हें। मुख्यमंत्री स्वयं, प्रशासन, माफिया और तस्कर पुलिस पर कारवाई की बजाय पीने वालों को कड़ा सबक सिखाने की धमकी देते रहते हैं।’
उन्होंने कहा, ‘मुख्यमंत्री गड़बड़ पर जब बड़बड़ प्रवचन दे रहे है तो इनके बगल में जो भाजपाई मंत्री खड़े है ना, उनके स्कूल के अंदर से दो ट्रक शराब बरामद हुई थी। पुलिस एफआईआर में इसका जिक्र भी है। मंत्री के नामजद भाई को आज तक बिहार पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकी है। यह इनकी कथित शराबबंदी की सच्चाई है।’
बिहार के मंत्री शाहनवाज हुसैन ने राज्य में कथित तौर पर जहरीली शराब के सेवन से हुई मौतों पर कहा कि यह एक दुखद घटना है। गहन जांच कराई जाएगी। नकली शराब की आपूर्ति के दोषी पाए जाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।