केंद्र सरकार की इस योजना को मार्च 2020 में शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य कोरोना हेल्थ वर्कर्स को सुरक्षा मुहैया कराना था जिससे कोरोना वॉरियर्स की मौत होने पर उनके परिवार की देखभाल हो सके। एक ओर जहां देश में कोरोना की दूसरी लहर तेजी से फैल रही है। लाखों की संख्या में लोग पॉज़िटिव पाये जा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर मोदी सरकार ने कोरोना वॉरियर्स को मिलने वाली बीमा योजना को वापस ले लिया है। इस योजना के तहत ड्यूटी में हेल्थ वर्कर्स की मौत होने पर परिजनों को 50 लाख रुपये तक का बीमा कवर मिलता है।
केंद्र सरकार की इस योजना को मार्च 2020 में शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य कोरोना हेल्थ वर्कर्स को सुरक्षा मुहैया कराना था जिससे कोरोना वॉरियर्स की मौत होने पर उनके परिवार की देखभाल हो सके। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्य सरकारों को इसको लेकर राज्य सरकारों को पत्र भी लिखा है। स्वास्थ्य सचिव ने ये पत्र 24 मार्च को लिखा था, जो अब सामने आया है।
24 मार्च को राज्यों को लिखी चिट्ठी में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने लिखा है, “इस बीमा योजना को शुरू में 90 दिन के लिए लागू किया गया था, लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर 24 मार्च 2021 तक कर दिया गया था।” उन्होंने लिखा कि कोरोना के इस दौर में इस योजना ने ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले स्वास्थ्यकर्मियों के परिवार को राहत देने का काम किया है। इस लेटर में इस बीमा योजना को बढ़ाने का जिक्र नहीं किया है। मतलब यह कि 24 मार्च 2021 को ये योजना खत्म हो गई है।
सरकार ने पिछले साल प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत स्वास्थ्यकर्मियों के लिए बीमा योजना शुरू की थी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पिछले महीने राज्यों को भेजे सर्कुलर में कहा कि यह योजना 24 मार्च को खत्म हो जाएगी। इसके तहत तब तक केवल 287 दावों का निपटारा किया गया था। इस योजना के तहत करीब 22 लाख स्वास्थ्यकर्मियों को विशेष बीमा कवर उपलब्ध कराया जा रहा है।
पिछले साल 26 मार्च को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस योजना की घोषणा की थी। इस योजना को शुरुआत में 90 दिन के लिए लागू किया गया था, लेकिन बाद में इसको बढ़ाकर 24 मार्च 2021 कर दिया गया था। इस स्कीम के तहत न सिर्फ सरकारी, बल्कि प्राइवेट डॉक्टरों को भी कवर किया गया था।