25 जुलाई 2019 को प्रखंड चान्हो पंचायत पतरातू ग्राम पतरातू के निवासी लखन महतो (43 वर्ष ) ने कुँए में कूद कर अपनी जान दे दी। वे अपने परिवार में एकलौते काम करने वाले व्यक्ति थे जो खेती और मजदूरी करके परिवार का भरण पोषण करते थे, उनके परिवार में 85 वर्षीय माँ (गुजरी देवी), 36 वर्षीय पत्नी (विमला देवी), तीन बच्चे सूरज (18 वर्ष), नीरज (15 वर्ष ) एवं प्रवीण (12 वर्ष ) हैं।
मृत्यु का कारण:
लखन महतो ने अपने खेत पर नरेगा के अंतर्गंत एक कुँए का निर्माण किया था, इस कुँए का मनरेगा योजना कोड 3401005010/IF/7080901221509 है एवं दिसम्बर 2017 में स्वीकृत किया गया था। समय पर पैसे ना आने की वजह से , उन्हें मटेरियल का कीमत और मजदूरों को भी’पैसे स्वयं अपने परिजनों से ऋण लेकर भुगतान करना पड़ा था। परिस्थिति ऐसी थी कि वर्तमान में उनपर काफी क़र्ज़ का दबाव था , जिसकी वजह से वे मानसिक तनाव से जूझ रहे थे। 25/07/2019 को प्रातः 4 बजे के आसपास वो घर से थोड़ी दूर स्थित अपने खेत की ओर निकले थे, उनके ना लौटने पर जब लोगों ने जांच पड़ताल की, तो पाया गया कि उनका मृत शरीर कुँए में पड़ा था।
प्रशासन की लापरवाही:
उनकी पत्नी विमला देवी ने बतलाया कि कुँए के निर्माण हेतु लखन महतो द्वारा अपने तीन परिजनों से एक लाख सत्तर हज़ार रुपये 2018 के जनवरी और फ़रवरी माह के बीच उधार लिया गया था, पर 14 माह बीत जाने के बाद भी क़र्ज़ के पैसे पुनः लौटा पाने में असमर्थ थे। मज़दूरी एवं मटेरियल के पैसे मज़दूरों एवं वेंडर के बैंक खाते में ससमय नहीं हस्तांतरित नहीं होने की वजह से , लखन महतो को विवश होकर क़र्ज़ लेकर यह भुगतान स्वयं करना पड़ा था एवं उन्हें क़र्ज़ लेने पर मज़बूर प्रशाषणिक असफलता ने किया क्योंकि उन्होंने इस योजना में अपने खर्च से मज़दूरी और सामग्री का भुगतान मार्केट दर के अनुसार किया जो कि मनरेगा के मज़दूरी दर 168 से अधिक था एवं सरकार से पंजीकृत वेंडर से सामग्री उपलब्ध नहीं कराई गयी, साथ ही साथ सरकार से कुल मिलाकर 118545 (एक लाख अठारह हज़ार पाँच सौ पैंतालीस) की बकाया राशि मिलने की उम्मीद में मज़दूरी और सामग्री भुगतान के लिए पिछले 13 महीनों से सप्ताह में दो - तीन दिन प्रखण्ड कार्यालय के चक्कर काटने को विवश थे। पतरातू पंचायत में लखन महतो के अलावा 28 अन्य व्यक्ति जिन्हें मनरेगा के तहत कुँआ निर्माण हेतु योजना का लाभ मिला है वो भी समान परिस्थिति का सामना कर रहे हैं।
वर्तमान स्थिति:
इस दुखद घटना के पाँच दिन गुज़र जाने के बाद भी, सरकार प्रशाषन की तरफ से किसी भी प्रकार
का लाभ परिवार को प्राप्त नहीं हुआ है और ना ही योजना सम्बंधित बकाया राशि का भुगतान किया गया है। इनके परिवार में 85 वर्षीय वृद्धा माँ गुजरी देवी को वृद्धा पेंशन का लाभ अबतक नहीं मिला एवं अन्नपूर्णा अन्न योजना के तहत मिलने वाला राशन दिसंबर माह 2010 में बंद कर दिया गया, जबकि उन्होंने पूर्व में कई बार पंचायत एवं प्रखंड स्तर पर आवेदन जमा किया है। लखन के परिवार को अभी तक राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना के तहत मिलने वाली एककालीन 20000 रुपये की राशि भी प्राप्त नहीं हुए है।
बेबुनियाद बयान:
परिवार एवं पड़ोसियों से बातचीत के दौरान यह मालूम चला कि प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा किया गया दावा कि लखन महतो की मृत्यु नशे की अवस्था में घटी दुर्घटना सरासर गलत है एवं क्योंकि लखन महतो कभी शराब पीने के आदि नहीं थे।
झारखण्ड नरेगा वाच मांग करती है :
(१) झारखण्ड सरकार के ज्ञापांक 4-110 (NREGA)/ 10 ग्रा० वि० 4716, राँची/दिनाँक 01/08/2011 तहत मृतक के आश्रितों को तत्काल मुआवजा राशि निर्गत किया जाय।
(२) मृतक के आश्रितों राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना के तहत राशि निर्गत की जाय।
(३) मृतक की पत्नी को विधवा पेंशन का लाभ दिया जाय।
(४) कूप निर्माण में प्रयुक्त सामग्री का भुगतान तत्काल किया जाय।
(५) मृतक लखन महतो को आत्म हत्या के लिए मजबूर करने वाले तथा सामग्री मद में भुगतान ससमय न करने के लिए जिम्मेवार कर्मियों/अधिकारियों पर आपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाय।
(६) राज्य सरकार मनरेगा योजनाओं में तत्काल सामग्री आपूर्ति तथा भुगतान सम्बन्धी जटिलताओं को दूर करने हेतु कारगर कदम उठाये।