पुलिसिया वर्दी को दागदार करती फिर एक रिपोर्ट युपी से आयी है। अपनी अगवा बेटी को ढ़ूंढ़ने की मिन्नत कर रहे एक किसान ने पुलिस द्वारा अपमानित किये जाने और एक लाख की मांग के खिलाफ अंतत: फांसी लगाकर आत्म हत्या कर ली है।
बरेली के मृतक किसान की बेटी का अपहरण 8 अप्रैल को हो गया था। इस मामले में अगले दिन 9 अप्रैल को मृतक की ओर से एक युवक और उसके परिजनों के खिलाफ अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। इसके बाद से ही मृतक किसान बेटी की बरामदगी के लिए चौकी प्रभारी से गुहार लगा रहा था। लेकिन बेटी को बरामद नहीं किया गया।
परिजनों का आरोप है कि थाना प्रभारी न सिर्फ मामले को टाल रहे थे बल्कि पिता को अपमानित भी करते थे। मृतक किसान के पॉकेट से एक सुसाइड नोट मिला जिसे पुलिस वालों ने फाड़ डाला। सुसाइड नोट में लिखा है कि 'चौकी रामनगर का दरोगा मुझसे लड़की ढूढ़ने के लिए एक लाख रुपये मांग रहा है। पैसा न देने पर गाली देकर भगा दिया। मैं गरीब आदमी पैसा न होने की वजह से आत्महत्या कर रहा हूं। मेरी मौत का जिम्मेदार चौकी इंचार्ज रामनगर है।'
घटना सोमवार को सुबह की है। जब घर के लोग सोकर उठे किसान का शव घर के ही एक कमरे में फंदे से लटका पाया। घर में कोहराम मच गया। इसकी सूचना पुलिस को दी गई तो आरोपी चौकी प्रभारी मौके पर पहुंचे थे। लेकिन सुसाइड नोट पढ़ने के बाद खुद को फंसा देखकर उन्होंने उस नोट को फाड़ दिया। इसपर ग्रामीण को भड़क गये। थाना प्रभारी को घेर लिया। उसे छुड़ाने पुलिस की दूसरी टीम पहुंची तो ग्रामीणों ने पथराव भी किया। बहारहाल, मामले पर जांच कर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने थाना प्रभारी को सस्पेंड कर दिया। जांच स्थानीय ग्रामीण एसपी को सौंपी गयी है।