वापस लौटाने की इच्छा महसूस होती है : एआर रहमान
नई दिल्ली: ग्रैमी और अकादमी पुरस्कार विजेता संगीतकार एआर रहमान के पास उपलब्धियों की एक लंबी सूची है। रविवार को 52 वर्ष के हुए रहमान वापस देने की इच्छा महसूस करते हैं और वह कुछ युवा पीढ़ी को तैयार करना चाहते हैं।
रहमान ने हिंदी, तमिल, तेलुगू, अंग्रेजी और फारसी फिल्मों को कई चार्टबस्टर्स दिए हैं। केएम म्यूजिक कंजर्वेटरी के संस्थापक ने खुद को केवल संगीत तक ही सीमित नहीं रखा, बल्कि 'उर्वशी उर्वशी' के हिटमेकर ने 'ले मस्क' का निर्देशन भी किया।
'द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर' के ट्रेलर पर रोक के लिए याचिका दायर
नई दिल्ली: फिल्म 'द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर' के ट्रेलर पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाली याचिका दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर की गई है। एक वकील ने यह जानकारी शनिवार को दी। याचिका में कहा गया है कि फिल्म निर्माता को भारत के संविधान की अवज्ञा करने का कोई अधिकार नहीं है, जिसमें संवैधानिक पदों के प्रति सम्मान की बात कही गई है।
याचिका दिल्ली की फैशन डिजाइनर पूजा महाजन ने अपने वकील अरुण मैत्री के माध्यम से याचिका दायर की है।
सिनेमा, राजनीति को अलग-अलग नहीं किया जा सकता : अनुपम खेर
मुंबई: 'द एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर' में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का किरादर निभा रहे राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेता अनुपम खेर का कहना है कि सिनेमा और राजनीति को अलग-अलग नहीं किया जा सकता क्योंकि यह एक-दूसरे का प्रतिबिंब है।
अपनी रिलीज से पहले ही फिल्म ने बहुतों का ध्यान अपनी ओर खींचा है और इसके मुख्य किरदार के साथ ही 2019 आम चुनाव से पहले रिलीज करने को लेकर आलोचना का भी सामना करना पड़ रहा है।
नक्सलवाद पर गिरिडीह में 'भटके राही' का मंचन
गिरिडीह: जिले के नक्सल प्रभावित पीरटांड थाना क्षेत्र के चिरकी स्थित डाक घर के समीप भटके राही नामक नाटक का मंचन किया गया। गिरिडीह एसपी सुरेंद्र कुमार झा के निर्देश पर आयोजित इस नाटक में झारखंड के युवा वर्ग जो नक्सल में जाकर बर्बाद हो रहे हैं तथा झारखंड को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं इसे भी दिखाया गया।अंतिम में जो युवा भटक गए थे वे पुनः नक्सलियों के दस्ते को छोड़कर घर को लौट गए और पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया।पुलिस के द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं को भी बताया गया।बता दें कि झारखंड के चाईबासा की संस्था इंद्रधनुष अपने कलाकार अनुपम गोस्वामी ,निर्देशक गोस्वामी,संतोष पोदार,नेहा कुमारी,अमित कुमार,सि
जेल जा चुका 'द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर' का डायरेक्टर गुट्टे
लोकसभा चुनाव 2019 से पहले पूर्व प्रधानमंत्री डॉ। मनमोहन सिंह पर बनी राजनीतिक फिल्म 'द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर' का ट्रेलर रिलीज हो गया है। इसके साथ ही विवाद भी शुरु हो गया है। वहीं कांग्रेस नेताओं ने इसे भाजपा का दुष्प्रचार करार दिया है। कांग्रेस के मुताबिक भाजपा फिल्म को राजनीतिक हथियार बना रही है।
इस फिल्म का निर्देशन विजय रत्नाकर गुट्टे के द्वारा किया गया है जिन्हें इसी साल (2018) अगस्त के महीने में जीएसटी में 34 करोड़ की धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार किया गया था।
'द गांधी मर्डर' कोई त्योहारी फिल्म नहीं : निर्माता
नई दिल्ली: फिल्म निर्माता लक्ष्मी आर. अय्यर का कहना है कि 'द गांधी मर्डर' एक व्यवसायिक ऐतिहासिक थ्रिलर है न कि कोई 'त्योहारी फिल्म'। अय्यर ने बताया, "यह (फिल्म) 30 जनवरी 1948 को महात्मा गांधी की हत्या के पीछे असली सच पर हमारी समझ है। यह कोई त्योहारी फिल्म नहीं है। यह एक एक्शन थ्रिलर और एक व्यवसायिक ऐतिहासिक थ्रिलर है। इसलिए हम इसे व्यवसायिक रूप से रिलीज कर रहे हैं। महात्मा गांधी उन प्रसिद्ध पुरुषों में से एक थे, जो कभी हमारे बीच रहते थे।"
'द गांधी मर्डर' 30 जनवरी 2019 को दुनियाभर में रिलीज होगी।
इरफान मेरे एक्टिंग स्कूल थे : मिथिला पालकर
मुंबई: मिथिला पालकर का कहना है कि इरफान खान उनके लिए 'एक्टिंग स्कूल' की तरह थे, जब वे उनके साथ 'कारवां' में काम कर रही थी।
इस फिल्म में इरफान और दलकीर सलमान भी हैं।
उद्योग के दो जाने-माने अभिनेताओं के साथ काम करने के अनुभव पर मिथिला ने एक बयान में कहा, "शुरू में मुझे यह महसूस करने में समय लगा कि मैं इरफान खान के साथ स्क्रीन स्पेस साझा कर रही हूं। लेकिन जब मैंने उनके साथ काम करना शुरू किया, तो कई बार ऐसा होता था कि किसी सीन पर हम साथ हंसते थे।"
निश्छल प्रेम और जड़ से जुड़े रहने की गाथा है ‘जंगल के आगे’
1968 में ब्लैकवूड द्वारा प्रकाशित सीता रत्नमाला की ‘जंगल के आगे’ आत्म स्ंास्मरण निश्छल प्रेम और जड़ से जुड़े रहने की अनूठी गाथा है. यद्यपि मौलिक रूप से यह आत्म संस्मरण अंग्रेजी में ‘बियोंड द जंगल’ (1968) के नाम से प्रकाशित है, लेकिन भारत के इस पहले आदिवासी आत्म संस्मरण का हिंदी अनुवाद कर अश्विनी कुमार पंकज ने आत्मकथा पढ़ने के अभ्यस्त हिंदी के पाठकों को अलग किस्म के ‘आत्मकथा’ (आत्म संस्मरण) से एकाकार होने का अवसर प्रदान किया है. यह आत्म संस्मरण इस दृष्टि से खास है कि इसमें न तो आत्मकथा की तरह व्यक्तिगत पहचान पर जोर है और न ही व्यक्तिगत उपलब्धियों का बखान.
सारे जहां के लिए रहमत हैं मुहम्मद..!
गिरिडीह: 12 रबीउल अव्वल यानी इस्लाम धर्म के प्रवर्तक पैगम्बर हजरत मुहम्मद साहब की जयंती का इस्लाम धर्म मे खासा महत्व है। 12 रबीउल अव्वल का महत्व इस्लामिक त्योहारों में सबसे अधिक है। चूंकि हजरत मुहम्मद साहब के जन्म के बाद से दुनिया में इस्लाम का प्रचार प्रसार हुआ और दुनिया से बुराइयों के खात्मा शुरू हुआ। हजरत मुहम्मद इस्लाम धर्म के आखिरी पैगम्बर के रूप में दुनिया मे आये और उन्होंने इस्लाम धर्म को पूरी दुनिया मे फैलाया। बताया जाता है कि मुहम्मद साहब के जन्म के समय अरब एवं पूरी दुनिया में काफी बुराइयां फैली हुई थी, जिसे मुहम्मद साहब ने मिटाकर लोगों को नेक रास्ते पर चलने की हिदायत दी। उन्होंने