नई दिल्ली: किसानों से संबंधित दो विधेयक राज्यसभा में रविवार को ध्वनि मत के जरिए पारित हो गया। इससे पहले ये विधेयक लोकसभा में पास हो चुके हैं। उच्च सदन की कार्यवाही के दौरान कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने विधेयकों के खिलाफ जमकर हंगामा किया। इस बीच, विपक्ष ने सदन के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह के खिलाफ अविश्वास पेश किया है।
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने उपसभापति हरिवंश पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि उन्हें (हरिवंश) को लोकतांत्रिक परंपराओं की रक्षा करनी चाहिए, लेकिन इसके बजाए, उनके रवैये ने आज लोकतांत्रिक परंपराओं और प्रक्रियाओं को नुकसान पहुंचाया है। इसलिए हमने उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला किया।
राज्यसभा में कई दलों ने दोनों विधेयकों को प्रवर समिति में भेजे जाने की मांग की, लेकिन सत्तारूढ़ बीजेपी ने आरोप लगाया कि कुछ पार्टियां किसानों को गुमराह कर रही हैं। विभिन्न विपक्षी दलों ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) समाप्त करने और कॉरपोरेट जगत को फायदा पहुंचाने के लिए दोनों कृषि विधेयक लेकर आई है। हालांकि, सरकार ने इसका खंडन करते हुए कहा कि किसानों को बाजार का विकल्प और उनकी फसलों को बेहतर कीमत दिलाने के उद्देश्य से ये विधेयक लाए गए हैं।
राज्यसभा में कृषि सुधार विधेयकों को पेश किए जाने के बाद जमकर हंगामा हुआ। टीएमसी सांसद डेरेक ओ'ब्रायन सहित विपक्ष के कई नेताओं ने बिल की कॉपी फाड़ी तो उपसभापति हरिवंश पर रूल बुक फेंकने के अलावा, आसन के माइक को भी तोड़ डाला। विधेयकों को प्रवर समिति में भेजे जाने के प्रस्ताव पर मतविभाजन की मांग को लेकर तृणमूल कांग्रेस सांसद डेरेक ओ ब्रायन सहित कई सांसद चेयर तक पहुंच गए। इसके बाद सदन की कार्यवाही को कुछ देर के लिए स्थगित कर दिया गया। हालांकि, बाद में फिर से कार्यवाही शुरू हुई और सरकार ने ध्वनि मत के जरिए दोनों विधेयकों को पारित करा लिया।