रांची: बुधवार को आदिवासी संगठनों ने रांची अरगोड़ा के वीर बुधु भगत चौक में संसद सांसद निशिकांत दुबे का पुतला दहन किया गया। गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे द्वारा पिछले दिनों में सीएनटी एसपीटी एक्ट (CNT /SPT Act ) के विरोध में दिये गए बयान से आदिवासी समाज नाराज है। आदिवासी संगठनों ने एक विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा है कि सांसद निशिकांत दुबे ने संसद में पूरे आदिवासी समाज के जमीन रक्षा कवच पर हमला करते हुए कहा था कि झारखंड राज्य में अब सीएनटी एसपीटी एक्ट की जरूरत नहीं है; इसलिए हटा दो। यह कहकर उन्होंने आदिवासी समाज पर हमला किया है।
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साथ ही साथ पूरे देश में सामान्य कानून लाने की वकालत की जो कि आज के परिदृश्य में पूरी तरह से असंगत और गैर-न्यायिक है। इस बयान का हम आदिवासी समाज इसका पुरजोर विरोध करते हैं।
संगठनाेें का कहना है कि सांसद निशिकांत दुबे ने झारखंड की आदिवासी जमीन को गैर-आदिवासियों द्वारा खरीद बिक्री की छूट देने के की मांग की। आदिवासियों के हित में नहीं है। इन तमाम बयानों को लेकर पूरे आदिवासी समाज में असंतोष और आक्रोश है। इसीलिए हम संघ और भारतीय जनता पार्टी से मांग करते हैं कि वह निशिकांत दुबे को तत्काल पार्टी से निष्काषित करें। अन्यथा इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
संगठनों का कहना है कि जब तक भाजपा सरकार है निशीकांत दुबे को पार्टी से निष्कासित नहीं करती तब तक आदिवासी समाज में आक्रोश व्याप्त रहेगा और पूरे झारखंड के हरेक क्षेत्र में चरणबद्ध रूप आंदोलन चलाया जाएगा। इसका खामियाजा आगामी विधानसभा चुनाव में दिखेगा।
बुधवार के इस आक्रोश प्रदर्शन सह पुतला दहन कार्यक्रम में मुख्य रूप से केंद्रीय सरना समिति, अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद, सरना प्रार्थना सभा, आदिवासी छात्र संघ, केंद्रीय आदिवासी मोर्चा औऱ आदिवासी युवा महासभा आदि संगठन के सदस्यगण शामिल थे। जिसमें मुख्य रूप से नारायण उरांव, अजय टोप्पो, संदीप तिर्की, नुवेल कच्छप, कुन्दरसी मुंडा, सुनीता मुंडा, पवन तिर्की, चिंता तिर्की, आशा तिर्की, मीणा तिर्की, वीणा तिर्की, चंपा कुजूर, बहादुर उरांव, सुशील उरांव, लाला महली, दुर्गा कच्छप, धनेश्वर टोप्पो और संदीप खलखो उपस्थित थे।