प्रश्नकाल नहीं होने से संसद में हंगामा, ‘लोकतंत्र का गला घोंटने का प्रयास’

:: न्‍यूज मेल डेस्‍क ::

नई दिल्ली: देश में कोरोना प्रकोप  के बीच बीच सोमवार से संसद का मानसून सत्र शुरू हो गया है। संसद सत्र शुरु होने से पहले पीएम मोदी कहा कि मुझे विश्वास है कि सभी सांसद मिलकर देश को यह संदेश देंगे कि पूरा देश के जवानों के साथ खड़ा है। जो सीमा पर डटकर मातृभूमि की रक्षा कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने कार्यवाही शुरु होने से पहले पूर्व राष्ट्रपति को श्रद्धांजलि दी। वहीं पीएम मोदी ने इस वर्ष जितने भी सांसदों को निधन हुआ है, उन सभी सांसदों को भी श्रद्धांजलि दी। वहीं लोकसभा का सत्र शुरु होने के साथ पहले 1 घंटे के लिए स्थगित कर गया था। लेकिन अब संसद सत्र शुरू हो गया है।

संसद सत्र का शुरु होते ही प्रश्नकाल नहीं होने की वजह से हंगामा शुरु हो गय। वहीं  हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि प्रश्नकाल और प्राइवेट मेंबर बिजनेस होना बहुत जरूरी है। विपक्ष के अन्य सदस्यों ने भी इसकी मांग की। वहीं तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने भी कहा कि प्रश्नकाल संसदीय प्रणाली के मूलभूत ढांचे से जुड़ा हुआ है।

इसके साथ ही कांग्रेस के नेता-प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा प्रश्नकाल स्वर्णिम घंटा है लेकिन आप कहते हैं कि परिस्थितियों के कारण इसे चालू नहीं रखा जा सकता है। आप संसद की कार्यवाही का संचालन कर रहे हैं लेकिन प्रश्नकाल को समाप्त कर दिया। आप लोकतंत्र का गला घोंटने का प्रयास कर रहे हैं।

वहीं प्रश्नकाल और शून्यकाल को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा अधिकांश दलों के नेताओं ने 30 मिनट के प्रश्नकाल और शून्यकाल पर सहमति व्यक्त की। हमने आपकोइससे अवगत कराया कि आपके द्वारा कौन सा निर्णय लिया गया। मैं सदन के सभी सदस्यों से अपील करता हूं कि असाधारण स्थिति में सत्र आयोजित किया जा रहा है।

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