झारखण्ड के सराईकेला में मॉब लिंचिंग में एक मुस्लिम युवक की हत्या कर दी गई। उसका इतना ही कसूर था वो मुस्लिम था। इस मामले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वो बातें एक बार फिर से जुमला ही नजर आ रही है जिसमें उन्होंने अपने पुराने नारे 'सबका साथ सबका विकास' में '..सबका विश्वास' जोड़ा था। सोशल मीडिया में जारी उस वीडियो से साफ पता चलता है कि तबरेज का नाम पूछकर और यह जानकर कि वह मुसलमान है भीड़ ने उसे इतना पीटा की उसकी मौत हो गई। कुछ ऐसी ही घटनाएं बंगाल के कुछ इलाकों से खबर बन रही हैं। एक दूसरे वीडियो में देखा जा रहा है कि कैसे वहां एक अंधे भिखारी को प्रताडि़त करके उसे कथित हिंदूत्व के ठेकेदारों ने अपनी मंशा जाहिर की। पहरावा और लिबास से पता चलता है कि भिखारी मुस्लिम धर्म से था। युवाओं ने उसे घेर लिया। उसके हाथ में जबरन हिंदू पताका थमाया। उसे काफी देर तक बाध्य किया कि वह जय श्री राम और जय मां तारा का नारा लगाया। अंधे भिखारी को तभी छोड़ा गया जब उसने कथित नारे लगाये।
वैसे, झारखंड तो मॉब लींचिंग मामले में देश भर में पहले ही मिसाल बन चुका है जब पिछले मोदी सरकार के कैबिनेट मंत्री जयंत सिन्हा ने आधे दर्जन मॉब लींचिंग आरोपियों को अपने घर बुलाकर माला पहनाया था। अभी कुछ हफ्ते पहले गुमला में एक आदिवासी युवक को गोवध के आरोप में भीड़ ने मार डाला था। कई अन्य आदिवासी युवाओं को पीटकर घायल भी कर दिया गया था। और अब तबरेज उर्फ सोनू की हत्या का मामला झारखंड सरकार, पुलिस और प्रशासन की नीयत पर खुल कर उंगली उठा रहा है। प्रदेश डीजीपी जांच से पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि मारा गया युवक तबरेज चोर था। उसे सांप्रदायिक नजरिये से न देखा जाए। बहरहाल पुलिस व प्रशासन ने जांच की बात भी कही है। देखना बाकी है कि मोदी का '..सबका विश्वास' का युग कब से अमल में लाया जाएगा।