150 दिन से ज्यादा से दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन को लेकर मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने फिर चिंता जताई है। मलिक ने कहा कि किसान आंदोलन को लेकर उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को समझाया है कि वो दोनों गलत रास्ते पर जा रहे हैं।मलिक ने कहा कि किसानों के आंदोलन को दबाया नहीं जा सकता है। उनकी वास्तविक मांगों पर पुनर्विचार करने की जरूरत है।
मलिक का यह बयान ऐसे समय आया है जब कोरोना की आड़ में भाजपा सरकार, किसान आंदोलन खत्म करने के लिए आप्रेशन क्लीन चलाने की तैयारी में है। बतायें कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली बोर्डर पर किसान डेढ़ सौ दिन से आंदोलन कर रहे हैं।
दरअसल, हरियाणा में निर्दलीय विधायक सांगवान ने कृषि बिल कानूनों को लेकर बीजेपी-जेजेपी सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। जिसके बाद राज्यपाल मलिक को पत्र लिखकर सरकार से बिल वापस लेने की अपील की थी। विधायक के पत्र का जवाब देते हुए राज्यपाल मलिक ने कहा कि उन्होंने पीएम और केंद्रीय गृह मंत्री से इस पर गंभीरता से विचार करने और किसानों को दिल्ली से खाली हाथ नहीं लौटाने की अपील की है।
मलिक ने पत्र में बताया है कि पीएम और गृहमंत्री से मुलाकात के दौरान किसानों के आंदोलन और उनकी मांगों से अवगत कराया है। राज्यपाल मलिक ने किसान आंदोलन को जायज ठहराते हुए कहा कि मोदी-शाह गलत रास्ते पर चल रहे हैं। किसानों को दबाने, डराने और धमकाने का प्रयास न करें। मलिक को भरोसा है कि जल्द ही स्थिति सामान्य हो जाएगी। हालांकि उस पत्र में मलिक ने यह भी कहा कि आंदोलन के कारण 300 से अधिक किसानों को खोना दुखद है। इसके बावजूद केंद्र सरकार ने इन किसानों के प्रति संवेदना में एक शब्द भी नहीं कहा। केंद्र सरकार की मंशा ठीक नहीं है और वह आंदोलन को तोड़ने और बदनाम करने का प्रयास कर रही है। किसान बधाई के पात्र हैं कि इन सबके बावजूद वे शांतिपूर्ण तरीके से शानदार और लंबी लड़ाई लड़ रहे हैं।