ममता बनर्जी तो जीत गईं। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर का कैलकुलेशन भी सटीक कहा जाएगा। बल्कि कैलकुलेशन आम बोलचाल में भविष्यवाणी कहें। बावजूद इसके पीके यानी प्रशांत किशोर चुनाव आयोग की भूमिका पर तीखे हमले किये हैं। इसे भाजपा का बी टीम तक बता डाला।
एक प्रमुख राष्ट्रीय पत्रिका इंडिया टुडे से बातचीत में पीके ने कहा - इतना पक्षपात करने वाला चुनाव आयोग मैंने कभी नहीं देखा। सब पार्टियों को साथ आना चाहिए और आयोग पर रिफॉर्म के लिए दबाव बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि चाहे धर्म के इस्तेमाल का मामला हो, चुनाव तारीखों की बात हो, या दोनों तरफ के लोगों पर कानून के इस्तेमाल की बात हो, पूरी तरह से पक्षपात किया गया। पीके ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने बीजेपी को जिताने के लिए हर मुमकिन काम किया। बीजेपी की बी टीम की तरह काम किया।
पीके कहना है कि कोरोना महामारी के दौर में आठ चरण में चुनाव कराने का सिर्फ एक ही मकसद था ताकि बीजेपी नेताओं को कैंपेन का ज्यादा से ज्यादा मौका मिल सके। पीके ने कहा, ''हर 20-30 सीट पर चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने पीएम और गृहमंत्री समेत तमाम नेताओं को वक्त दिया ताकि वो बीजेपी के लिए प्रचार कर सकें।''
पीके ने गृह मंत्री अमित शाह पर भी निशाना साधा। पीके ने बताया कि कोरोना महामारी के दौर में आठ चरण में चुनाव कराने का सिर्फ एक ही मकसद था ताकि बीजेपी नेताओं को कैंपेन का ज्यादा से ज्यादा मौका मिल सके। पीके ने कहा, ''हर 20-30 सीट पर चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने पीएम और गृहमंत्री समेत तमाम नेताओं को वक्त दिया ताकि वो बीजेपी के लिए प्रचार कर सकें।''
बंगाल में तृणमूल कांग्रेस ने पिछले चुनाव से भी जबरदस्त प्रदर्शन किया है और दो-तिहाई बहुमत हासिल कर लिया है। हालांकि, सीएम ममता बनर्जी को नंदीग्राम से टफ फाइट मिली और आखिरकार ममता ने 1200 वोटों से बीजेपी के शुभेंदु अधिकारी को हरा दिया। इस तरह ममता बनर्जी के तीसरी बार सीएम बनने का रास्ता साफ हो गया है।