मुहिम के तहत बदनाम किये गए सावरकर : संघ प्रमुख, भागवत

:: न्‍यूज मेल डेस्‍क ::

नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार वीर सावरकर से जुड़ी कई बड़ी बातें कहीं। मोहन भागवत ने कहा कि भारत में आज के समय में सावरकर के बारे में वास्तव में सही जानकारी का अभाव है। यह एक समस्या है। मोहन भागवत ने कहा कि सावरकर को बदनाम करने की मुहिम चलाई गई। इनकी बदनामी की मुहिम स्वतंत्रता के बाद खूब चली है।

वीर सावरकर पर लिखी गई पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में बोलते हुए संघ प्रमुख ने यह बातें कहीं। उन्होंने कहा कि वीर सावरकर को लेकर आज के भारत में जानकारी का अभाव है। सावरकर के बारे में लिखी गईं तीन पुस्तकों के जरिए काफी जानकारी हासिल की जा सकती है।

मोहन भागवत ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद से ही वीर सावरकर को बदनाम करने की मुहिम चली है। अब इसके बाद स्वामी विवेकानंद, स्वामी दयानंद सरस्वती और योगी अरविंद को बदनाम करने का नंबर लगेगा, क्योंकि सावरकर इन तीनों के विचारों से प्रभावित थे।

मोहन भागवत ने कहा कि हमारी पूजा विधि अलग- अलग है लेकिन पूर्वज एक हैं। उन्होंने कहा कि बंटवारे के बाद पाकिस्तान जाने वालों को वहां प्रतिष्ठा नहीं मिली। हिंदुत्व एक ही है जो सनातन है। उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि अब 75 साल बाद हिंदुत्व को जोर से बोलने की जरूरत है। सावरकर ने कहा था कि किसी का तुष्टिकरण नहीं होना चाहिए।

मोहन भागवत ने कहा कि सर सैयद अहमद खां का जब आर्य महासभा की ओर स्वागत किया गया और जब यह संबोधन में कहा गया कि वे पहले मुस्लिम बैरिस्टर हैं तब उन्होने अपने भाषण में कहा कि क्या मैं अलग हूं। उन्होंने कहा कि मुझे बड़ा दुख हुआ कि हमारे लिए अलग शब्द का प्रयोग किया गया। वह हमारी पूजा का निर्देश करने वाला शब्द है, हमने इस्लाम से पूजा ली तो क्या हुआ हम भारत माता के पुत्र नहीं हैं क्या।

इस कार्यक्रम में बोलते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि वीर सावरकर ने इस देश के लिए जो कुछ किया है उसको शब्दों के जरिए बयां नहीं किया जा सकता है। उदय माहूरकर की लिखी पुस्तक वीर सावरकर: द मैन हू कैन्ड हैव प्रिवेंटेड पार्टिशन के विमोचन के मौके पर राजनाथ सिंह ने कहा कि अच्छा है अब उनके जीवन के बारे में कुछ अफवाहें निकल जाएंगी।

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