नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आलोक वर्मा को सीबीआई निदेशक के तौर पर बहाल किए जाने पर खुशी जाहिर की। राहुल का दावा है कि आलोक वर्मा राफेल सौदे की जांच शुरू करने वाले थे और उन्होंने दृढ़ता से कहा कि राफेल से प्रधानमंत्री मोदी को कोई नहीं बचा सकता।
आलोक वर्मा के सीबीआई प्रमुख के रूप में बहाल होने के बाद राहुल ने पर मीडिया से कहा, "सीबीआई प्रमुख (आलोक वर्मा) को इसलिए हटाया गया, क्योंकि वह राफेल (सौदे) की जांच शुरू करना चाहते थे। अब हमें कुछ न्याय मिला है, देखते हैं क्या होता है।"
सरकार ने आलोक वर्मा से सीबीआई प्रमुख के सभी अधिकार वापस ले लिए थे।
मोदी व रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण से राफेल सौदे पर राहुल गांधी अपने सवालों के जवाब मांग रहे हैं। उन्होंने अपने सवाल फिर से दोहराए।
राहुल ने कहा, "प्रधानमंत्री को राफेल से कोई बचा नहीं सकता..कोई नहीं।"
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "यह बिल्कुल स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री ने निजी तौर अपने घनिष्ठ मित्र को 30,000 करोड़ रुपये दिए। मेरा एक साधारण-सा सवाल है। जब मोदी ने राफेल सौदे को नजरअंदाज किया, तो क्या भारतीय वायुसेना, रक्षा मंत्रालय ने आपत्ति जताई? मैं 'हां' या 'ना' में उत्तर चाहता हूं। रक्षामंत्री जवाब देने में समर्थ नहीं हैं और न तो प्रधानमंत्री।"
कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी कहा कि देश निश्चित तौर पर जानना चाहता कि कैसे मोदी ने जनता के 30,000 करोड़ रुपये देकर अपने दोस्त की मदद की।
राहुल ने कहा, "राष्ट्र 100 फीसदी जानना चाहता है कि मोदी ने जनता के 30,000 करोड़ रुपये लिए और अपने दोस्त को दे दिया। निस्संदेह राष्ट्र इसे जानकर रहेगा।"
राहुल राफेल सौदे को देश का 'सबसे बड़ा रक्षा घोटाला' कहते हैं।