पड़ोसी देश म्यांमार में एक बार फिर से सैन्य तख्तापलट पर भारत ने गहरी चिंता जताई है। भारत के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी करके कहा कि म्यांमार की घटनाएं चिंताजनक हैं। भारत ने कहा कि हमने हमेशा ही म्यांमार में लोकतांत्रिक बदलाव की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का समर्थन किया है। भारत ने कहा कि वह घटना पर नजर बनाए हुए है। उधर, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों ने म्यांमार में सैन्य तख्तापलट पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है।
भारत ने कहा कि हम कानून के शासन में विश्वास करते हैं और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को आवश्यक रूप से बरकरार रखा जाना चाहिए। इस बीच ऑस्ट्रेलिया ने भी बयान जारी करके म्यांमार में सैन्य तख्तापलट पर तीखी प्रतिक्रिया जताई है। ऑस्ट्रेलिया ने कहा कि वह लंबे समय से म्यांमार और उसके लोकतांत्रिक बदलाव का समर्थन किया है। हम सेना का आह्वान करते हैं कि वह कानून का सम्मान करे और विवादों का कानूनी तरीके से समाधान करे। साथ ही गिरफ्तार किए गए लोगों को तत्काल रिहा किया जाए। ऑस्ट्रेलिया ने चुनाव परिणामों का भी समर्थन किया।
अमेरिका ने दी चेतावनी, बात बाइडन तक पहुंची
इस बीच अमेरिका ने म्यांमार की सेना के ऐक्शन पर गहरी चिंता जताई है। राष्ट्रपति कार्यालय वाइट हाउस की प्रवक्ता जेन पास्की ने कहा कि अमेरिका उन रिपोर्टों से चिंतित है कि म्यांमार की सेना ने देश के लोकतांत्रिक बदलाव को खोखला कर दिया है और आंग सांग सू की को अरेस्ट कर लिया है। इस घटना के बारे में राष्ट्रपति जो बाइडेन को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने जानकारी दी है।
जेन पास्की ने कहा कि हम म्यांमार की लोकतांत्रिक ताकतों को समर्थन देते रहेंगे और सेना से अपील करेंगे कि सभी हिरासत में लिए गए लोगों को रिहा किया जाए। अमेरिका चुनाव परिणाम को बदलने या लोकतांत्रिक बदलाव में बाधा डालने के किसी भी प्रयास का विरोध करता है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर आज उठाए गए कदमों को वापस नहीं लिया गया तो अमेरिका कड़ी कार्रवाई करेगा। जेन ने कहा कि अमेरिका म्यांमार के लोगों के साथ खड़ा है और पूरी स्थिति पर नजर रखे हुए है।
बता दें कि म्यांमार में सेना ने देश की नेता आंग सांग सू की और राष्ट्रपति यू विन म्यिंट को अरेस्ट कर लिया है। सेना की ओर से संचालित टीवी पर सोमवार को कहा गया कि सेना ने देश को अपने कब्जे में ले लिया है और एक साल के लिए आपातकाल घोषित कर दिया है। पूर्व जनरल तथा उपराष्ट्रपति मिंट स्वे को कार्यकारी राष्ट्रपति बनाया गया है। उन्हें सेना प्रमुख का भी दर्जा दिया गया है। बताया जा रहा है कि किसी भी विरोध को कुचलने के लिए सड़कों पर सेना तैनात है और फोन लाइनों को बंद कर दिया गया है।