आनेवाला है रामजन्‍मभूमि फैसला, सरकार ऐक्‍शन में

Approved by admin on Tue, 11/05/2019 - 20:27

:: न्‍यूज मेल डेस्‍क ::

अयोध्या में राम जन्मभूमि विवाद में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने वाले अगले सात कार्यदिवसों के भीतर आ सकता है। कारण कि उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई 17 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। ऐसे में उनके कार्यकाल के बस सात कार्यदिवस ही शेष हैं। साफ है कि सुनवाई कर रही पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ इन्हीं दिनों में फैसला सुना सकती है।
 
उधर, केंद्र सरकार ने इस फैसले के मद्देनजर कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए केंद्रीय शस्त्र पुलिस बल के करीब चार हजार जवानों को उत्तर प्रदेश भेजा है। यह पुलिस बल 18 नवंबर तक राज्य में तैनात रहेगा। बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बीते सोमवार को ही इस संबंध में फैसला लिया है।

जिसमें मंत्रालय ने तुरंत प्रभाव से पैरामिलिट्री फोर्स की पंद्रह कंपनियों को भेजने की मंजूरी दी। मंत्रालय के आदेश के मुताबिक पैरा मिलिट्री फोर्स की 15 कंपनियों के अलावा बीएसएफ, आरएएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी और एसएसबी की तीन-तीन कंपनियां भेजने को भी मंजूरी दी गई है।

बता दें कि फैसले से पहले ही उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में सुरक्षा-व्यवस्था पुख्ता करने जोर दिया है। पूरे राज्य में धारा-144 लागू है। सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए अलग-अलग जिलों में मंदिरों और मस्जिदों से धार्मिक संगठन और कमेटियां अमन-शांति की अपील भी कर रही हैं। मेरठ में भी रविवार को करीब छह मस्जिदों से शांति बनाए रखने का ऐलान किया गया। 

दारूल उलूम देवबंद उलेमा की आइमा संस्था ने भी लोगों से अपील की है। भारतीय जनता पार्टी ने भी अपने पदाधिकारियों को संयम बरतने और टिप्पणी से बचने को कहा है। वहीं सोमवार को यूपी के सभी जिलों के खुफिया और अन्य अफसरों की लखनऊ में बैठक हुई।

शिया वक्फ बोर्ड का फैसला: नहीं होगा भाषण, धरना और प्रदर्शन
अयोध्या मामले में फैसला आने से पहले शिया वक्फ बोर्ड ने सभी वक्फ संपत्तियों पर होने वाले आयोजनों पर रोक लगा दी है। उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने वक्फ बोर्ड की इमामबाड़ा मस्जिद, दरगाह, कार्यालय, कब्रिस्तान, मजार जैसी जगहों पर अयोध्या मसले को लेकर किसी तरह का भाषण या धरना-प्रदर्शन नहीं करने का आदेश जारी किया है। यदि कोई आदेश का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। आदेश की प्रति मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी भेजी गई है।

अयोध्या आने वालों की ली जा रही तलाशी
अयोध्या आने वाले सभी रास्तों पर पुलिस तलाशी अभियान चलाए हुए है। करीब 128 अधिकारी अयोध्या पहुंच भी गए हैं। इसके साथ ही सुरक्षा बलों के रुकने के लिए 150 कॉलेजों में व्यवस्था की गई है। अयोध्या के एसएसपी के मुताबिक सीसीटीवी, ड्रोन कैमरे, डाॅग स्क्वॉयड, एटीएस दस्ते, बीडीएस, एलआईयू अलर्ट पर हैं। अयोध्या को जोड़ने वाले मार्गों पर बैरियर लगा कर चेकिंग की जा रही है। उन्होंने बताया कि बाहरी फोर्स का अयोध्या आना शुरू हो गया है। इनमें केंद्रीय सुरक्षा बल सबसे ज्यादा हैं। 

ये भी कर रहे शांति की अपील
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति तारिक मंसूर ने विवि से जुड़े लोगों से अयोध्या पर किसी भी तरह की टिप्पणी नहीं करने को कहा है। वहीं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेद्र गिरी ने भी साधु-संतों से अदालत का निर्णय आने पर शांति बनाए रखने की अपील की है।

निगरानी को खुफिया तंत्र तैयार
यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि अयोध्या मामले में सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट करने वालों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। हमारा खुफिया तंत्र तैयार है। एक टीम कड़ी निगरानी रख रही है। उधर, अयोध्या प्रशासन ने जिले में जुलूस, प्रदर्शन, आयोजन पर रोक लगा दी है।

अभी क्या है अयोध्या में स्थिति
अयोध्या मामले पर फैसले से पहले ही यूपी के सभी जिलों में अभी धारा-144 लागू, हर जिले में सुरक्षाबल अलर्ट पर रखे गए हैं।
मंगलवार पांच नवंबर से अयोध्या में 14 कोसी परिक्रमा शुरू हो गई है, इसके बाद पांच कोसी परिक्रमा और पूर्णिमा स्नान पर लाखों की भीड़ रहेगी। 
ऐसे में मेले की व्यवस्था के लिए अर्द्धसैनिक बल के साथ पीएसी को लगाया गया है, वहीं सोशल मीडिया पर पैनी नजर रखी जा रही है। 
पुलिस ने 16 हजार डिजिटल वाॅलंटियर्स बनाए हैं, जो मोबाइल और अन्य डिजिटल सिस्टम से संदिग्ध गतिविधियों की सूचना देने में मदद कर रहे हैं।
एसएसपी आशीष तिवारी के मुताबिक अयोध्या और आसपास के जिलों को चार क्षेत्रों लाल, पीला, हरा और नीला में बांटा गया है। अयोध्या रेड जोन में है।
ब्लू जोन में बाराबंकी, बस्ती, गोंडा, अमेठी, सुल्तानपुर, अम्बेडकरनगर को रखा है, यहां चेकिंग अभियान और संदिग्धों की पहचान का काम हो रहा है।

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