यह तो अब सर्वविदित है कि बंगाल जीतने के लिए भाजपा ने क्या कुछ नहीं किया। संतरी-मंत्री-सांसद-संसाधन सब झोंके। बावजूद इसके पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव जीतकर ममता बनर्जी ने ही हैट्रिक बनाया। भाजपा पिछड़ गई। बल्कि यूं कहें दीदी कई मायनों में मोदी से आगे निकल गई हैं। इस बात का खुलासा लोकनीति सीएसडीसी ने अपने एक सर्वे में किया है।
द हिंदू में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक सर्वे में संस्थान ने कहा है कि भाजपा ने 2016 के विधानसभा चुनाव में मिले वोटों के मुकाबले इस बार अपने वोट प्रतिशत में काफी इजाफा कर लिया है। लेकिन पार्टी को 2019 के लोकसभा चुनाव के मुकाबले हिंदू समर्थन वोटों की संख्या में कमी आ गई है। 2016 में भाजपा को हिंदू आबादी की 12 फीसदी वोट भाजपा के खाते में गई थी जबकि 2019 में ये 57% रहा था। अब सर्वे के मुताबिक इस चुनाव में ये घटकर 50 फीसदी पर आ गया।
हिंदु वोटों के मामले में पिछड़ी भाजपा, तृणमूल का हिन्दू व मुस्लिम दोनों में इजाफा
वहीं, हिंदू वोटरों का विश्वास जीतने में टीएमसी कामयाब रही है। चुनाव में टीएमसी को हिंदू आबादी का 39 फीसदी वोट प्राप्त हुआ है जबकि 2019 लोकसभा चुनाव में इसे 32 फीसदी वोट हीं मिले थे। 2019 के मुकाबले इस चुनाव में टीएमसी को मुस्लिम वोटरों का भी सीधे तौर पर फायदा मिला है। लोकसभा चुनाव 2019 में टीएमसी को मुस्लिम वोटरों का 70 फीसदी मत मिला था जबकि इस विधानसभा चुनाव में 75 वोट मिला है।
भाजपा ने इस चुनाव में सीएए और एनआरसी का मुद्दा जोर-शोर से उछाला था। इस चुनाव में सत्तारूढ़ दल टीएमसी के खिलाफ 'मुस्लिम तुष्टीकरण'के भी आरोप लगें। भाजपा ने ममता को बेगम खाला और मिनी पाकिस्तान बनाने जैसे कई आरोप भी लगाएं। भारतीय जनता पार्टी कई सारे जोर-शोर और दावों के बाद भी सत्ता में आने से चूक गई।