इन बच्चों का अब क्या होगा, है सरकार के पास कोई जवाब

अंकुर तिवारी

इस तस्वीर में दिख रहे चार बच्चों में से सबसे छोटा राकेश हैं जिसकी उम्र महज तीन महीने की है बड़े की भी उम्र 4 साल होगी| राकेश ने चार दिनों से माँ का दूध नहीं पिया है अब कभी नहीं पी पायेगा जो तीन और बच्चे दिख रहे वो भी अब कभी अपनी माँ की गोद को महसूस नहीं कर पायेंगे| इनकी माँ पुडियाम सुक्की को इसी शनिवार कोसुरक्षा बल के जवानों ने पीठ में गोली मार दी| 

जी हाँ, छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के गोदेलगुडा गाँव में रहने वाली सुक्की को पुलिस के जवानों ने पीठ पर उस वक्त गोली मारी जब वो अपने छोटे बच्चों को यह कहकर घर से निकली थी कि अभी आकर दूध पिलाती हूँ| 

एक और महिला कलमु देवे को भी जवानो ने गोली मारी लेकिन वो बच गई क्योंकि गोली उसकी जांघ में लगी |गाँव वाले बताते हैं कि मारने के बाद सुक्की को नक्सलियों की वर्दी पहनाने की कोशिश की जा रही थी यह हमने अपनी आँख से देखा| 

एसपी सुकमा कहते हैं कि वह निर्दोष थे लेकिन हत्या की बात नहीं मानते वह कहते हैं कि क्रास फायरिंग में गोली लगी| अब मजिस्ट्रेट जांच करेगा और कभी न कभी अपनी रिपोर्ट भी पूरी कर लेगा , फिर हम यह किस्सा भूल जाएंगे| लेकिन इन बच्चों का क्या होगा ? 

छत्तीसगढ़ सरकार इन हत्याओं पर खामोश हैं , कितनी भी सरकारें बदल लो ,मशीनरी का कैरेक्टर नहीं बदलता, न तो उसे अनाथों की चीख सुनाई देती है न तो बेगुनाह आदिवासियों की विधवाओं का विलाप| 

सीएम भूपेश बघेल ने कहा था हम माओवादी समस्या के समाधान के लिए आदिवासियों से बात करेंगे | उन्हें तीन महीने के राकेश से बात करनी चाहिए कि उसे क्या चाहिए? उसे 'माँ' चाहिए|

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