रांची: भारत के मारिशस गणराज्य के उच्चायुक्त जगदीश्वर गोवरधन ने आज कांके स्थित नवाटोली हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का दौरा किया और यहां दी जानेवाली स्वास्थ्य सेवाओं की सराहना की। इस मौके पर श्री जगदीश्वर ने कहा कि मारिशस में स्वास्थ्य मंत्री रहने के दौरान उन्होंने स्वास्थ्य केंद्रों की शुरूआत की थी और इसमें सरकार से मदद न लेकर समुदाय ने मिल जुलकर आर्थिक मदद की थी। उन्होंने कहा कि आर्थिक मदद के लिए वो शनिवार और रविवार को छुट्टी के दिन मजदूरी कर पैसे इकट्ठा करते थे।
मौके पर उन्होंने कहा कि हमें हमेशा शुद्ध खाना खाना चाहिए। रसायनयुक्त या पेस्टिसाइड इस्तेमाल किया हुआ अनाज या सब्जियां खाने से बचना चाहिए क्योंकि ये बीमारी का बड़ा कारण होते हैं। श्री जगदीश्वर ने फास्ट फुड खाने की आदतों से बचने की सलाह दी और कहा कि घर का खाना सबसे अच्छा होता है जोे हमारी संंस्कृति से जुड़ा हुआ है।
केंद्र में उपस्थित सहिया बहनों को सबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हमें अपनी मातृभाषा में ही बात करनी चाहिए। इसमें जरा भी संकोच नहीं करना चाहिए। अपनी मातृभाषा से हम लोगों को अपनी बात गंभीरता से समझा सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी मातृभाषा से ही हमारी तरक्की संभव है और इसी से हम अपनी संस्कृति को जीवित रख सकते हैं।
स्वास्थ्य पदाधिकारियों से बात करते हुए उच्चायुक्त जगदीश्वर गोवरधन ने कहा कि आयुर्वेद और हॉमियोपैथी पद्धति्त को सामुदायिक स्तर पर ले जाना होगा। उन्होंने कहा कि यइ इलाज का बहुत सरल और सस्ता साधन है। उन्होंने कहा कि हम अपने जीवनशैली में बचाव के उपाय करेंगे तो डायबिटिज, हाइपरटेंशन, कार्डियक जैसी बीमारियों के खतरे को 50 प्रतिशत या इससे ज्यादा भी कम कर सकते हैं।
उन्होंने सरकार के वेलनेस प्रोजेक्ट को एक बेहतरीन कदम बताया और कहा कि लोगों को जागरूक कर पिवेंटिव उपाय अपना कर रोगों से बचा जा सकता है और स्वास्थ्य के लिए खर्च भी काफी कम किया जा सकता है। उच्चायुक्त ने स्वास्थ्य कर्मचारियों को सलाह दी कि सभी मरीजों की मेडिकल प्रोफाइलिंग करनी होगी इससे उन्हें फिर से किसी तरह का टेस्ट करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस तरह से टेस्ट पर होने वाले खर्च को बहुत कम किया जा सकता है। इस मौके पर उप निदेशक वित्त रवि कुमार, सिविल सर्जन डॉ भी.बी. प्रसाद, स्टेट कंसलटेंट अकर्इ मिंज, आर.सी-आर्इ.र्इसी रणजीत, महेश, उदयन और अन्य स्वास्थ्य पदाधिकारी उपस्थित थे।