16 से 19 अगस्त तक बिशुनपुरा प्रखंड के तीन पंचायत पतिहारी के दर और पतिहारी गाँव और पिपरीकला के सारो गाँव में 105 मुस्लिम परिवारों एवं बिशुनपुरा पंचायत के पतागड़ा कला और बिशुनपुरा गाँव में 54 दलित परिवारों का जन वितरण प्रणाली के तहत मिलने वाले राशन एवं मनरेगा में काम की उपलब्धता का सर्वे डेहान ग्रुप के द्वारा किया गया।
इस सर्वे के आधार पर पता चलता है की 10 प्रतिशत लोगो का अब तक राशन कार्ड नही बन पाया है, राशन कार्ड बनाने के लिए बिचौलियों और राशन दुकानदार 1000 से 4000 रूपये तक की घूसखोरी की जाती है एवं 128 (89%) राशनकार्डधारीयों से जवीप्र दुकानदार के द्वारा प्रत्येक कार्डधारियों से एक से चार किलोग्राम तक कटौती हो रही है साथ ही जविप्र दुकानदार के द्वारा एक वर्ष में कम से कम एक महीने से तीन महीने तक की पूरी राशन चोरी होती है, 42 (29%) कार्डधारियों ने कहा की उन्हें राशन का भुगतान करने पर रशीद नही दिया जाता है, यह अध्ययन पांच जन वितरण प्रणाली राशन दूकानदार के अंतर्गत आने वाले कार्डधारियों का किया गया था इसमें बिशुनपुरा के मनोज रवि और नवल किशोर गुप्ता, पतिहारी और पिपरीकला के चमेली स्वयं सहायता समूह, तारा महिला समूह एवं आफताब आलम जविप्र राशन दुकानदार हैं जो इन गड़बड़ियों में शामिल हैं। इस अध्ययन के अनुसार विभिन्न स्तर पर प्रयास करने के बावजूद अधिकतर कार्डधारियों के परिवार के सदस्यों का राशन कार्ड से नाम जुड़ पाना परेशानी का सबब बन गया है, कई बार राशन कार्ड में नाम जोड़ने की कोशिश की गयी पर ज्यादातर लोगो की यह समस्या बनी हुई है।
159 परिवारों के सर्वे में 69 प्रतिशत परिवारों और पिछले दो वर्षो में 71 प्रतिशत के किसी भी सदस्य को मनरेगा के तहत काम नही मिला। वर्ष 2017 में बिशुनपुरा प्रखंड में मनरेगा में 28 लाख की फर्जी निकासी हुई थी एवं मनरेगा आयुक्त के करवाई करने के बावजूद वर्तमान समय में मजदूरो को काम न मिलना, मशीन से काम और ठेकेदारों की भागीदारी बढ़ते जा रही है।
भाजपा सरकार और वर्तमान विधायक विधायक भानु प्रताप शाही के कार्यकाल में सामाजिक सुरक्षा सम्बंधित योजनाओं में योग्य परिवार लाभ से वंचित हुए एवं बिचौलियें, घूसखोरी और भ्रस्टाचार बढ़ गयी है एवं इन राशन दुकानदारो को राजनितिक संरक्षण के कारण राशन चोरी और कटौती आम बात है।
सर्वेक्षण ग्रुप मांग करती है कि
1। जन वितरण प्रणाली में किये जा रहे गड़बड़ी जैसे राशन कटौती, राशन चोरी, राशन भुगतान का बिल न देने जैसे भ्रस्टाचार में शामिल जन वितरण प्रणाली के राशन दुकानदार एवं प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी पर करवाई की जाये
2। पुरे प्रखंड के अंतर्गत आने वाले सभी जविप्र दुकानदारों के द्वारा सभी कार्डधारियों को पूरा राशन, सरकारी मूल्य पर भुगतान, मापतौल की मशीन से राशन वितरण एवं राशन भुगतान की पर्ची देने की व्यवस्था सुनिश्चित हो।
3। अभी तक 2011 के जनगणना के अनुसार राशन आवंटन का कवरेज है जिसे बढ़ाकर वर्तमान समय के जनसँख्या के आधार पर राशन का आवंटन हो
4। प्रत्येक गाँव में कैंप लगाकर सभी योग्य परिवारों या व्यक्तियों का राशन कार्ड और पेंशन का लाभ दिया जाए।
5। मनरेगा में मजदूरी दर की वृद्धि की जाए और मजदूरो को काम दिलाया जाए।