झारखंड जनाधिकार महासभा द्वारा गोड्डा में बन रहे अडानी पावर प्लांट परियोजना का तथ्यान्वेषण किया गया। इस जाँच में पाया गया कि कि पिछले दो सालों में परियोजना की कई उपलब्धियां हैं, जैसे - जबरन भूमि अधिग्रहण, भूमि अधिग्रहण कानून 2013 की प्रक्रियाओं का व्यापक उल्लंघन, किसानों की फसलों को बर्बाद करना, संभावित लाभों के बारे में लोगों से झूठ बोलना, प्रभावित परिवारों पर पुलिस बर्बरता, केस मुकदमे करना तथा अन्य हथकंडो से डराना।
राज्यपाल के साथ जांच में पाए गए तथ्यों को साझा करने के लिए अपॉइंटमेंट के लिए कई बार आवेदन देने के बावज़ूद महासभा को अपॉइंटमेंट नहीं मिला। 26 दिसम्बर, को महासभा द्वारा तथ्यान्वेषण की रिपोर्ट को राज्यपाल के कार्यालय में जमा किया गया और निम्न मांगे की गयीं:
·अवैध तरीके से लगायी जा रही परियोजना को तुरंत रोका जाए, प्लांट के लिए भूमि अधिग्रहण को तुरंत बंद किया जाय और अवैध तरीके से अधिग्रहित की जा रही ज़मीन को वापिस किया जाए।
·चुकि इस परियोजना में कई कानूनों का उलंघन हुआ है, इस परियोजना का न्यायिक जांच करवाया जाए तथा लोगों के शोषण के लिए अडानी कंपनी और ज़िम्मेदार पदाधिकारियों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाए
·सभी प्रभावित परिवारों को अभी तक हुए फसलों और आजीविका के नुकसान के लिए मुआवजा दिया जाय
झारखंड जनाधिकार महासभा अनेक सामाजिक कार्यकर्ताओं और जन संगठनों का एक सामूहिक मंच है जिसका गठन अगस्त 2018 में किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य है राज्य में जन अधिकारों और लोकतंत्र पर हो रहे हमलों के विरुद्ध संघर्षों को संगठित और सुदृढ़ करना।