हेमंत सोरेन ने झारखंड के मुख्यमंत्री को भेजा लीगल नोटिस
हेमंत सोरेन ने कहा कि मुख्यमंत्री रघुवर दास झूठ बोलने को अपना पेशा बना लिए हैं। वे अनाप-शनाप आरोप लगा रहे हैं। हेमंत सोरेन ने कहा कि अगर सात दिन के भीतर रघुवर दास सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगते हैं तो कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार रहें।
नई दिल्ली: झारखंड के नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने मुख्यमंत्री रघुवर दास को लीगल नोटिस भेजा है। सीएम रघुवर दास ने एक रैली में झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के नेता हेमंत सोरेन पर 500 करोड़ की संपत्ति होने का आरोप लगाया था। इसी को चुनौती देते हुए नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने सीएम को नोटिस भेजा है।
हेमंत सोरेन ने कहा कि मुख्यमंत्री रघुवर दास झूठ बोलने को अपना पेशा बना लिए हैं। वे अनाप-शनाप आरोप लगा रहे हैं। हेमंत सोरेन ने कहा कि अगर सात दिन के भीतर रघुवर दास सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगते हैं तो कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार रहें।
सेवा निवृत राजस्व प्रभारी की गोली मार कर हत्या
गिरिडीह: शहरी क्षेत्र के बोड़ो में हत्या का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। अज्ञात बदमाशों नें पचम्बा थाना क्षेत्र के बोड़ो में गोली मार कर रिटायर्ड राजस्व कर्मचारी अली बक्स की जान ले ली है। घटना से इलाके में तनाव का माहौल है। दरअसल घटना को अंजाम दिलाने का आरोप पड़ोस में रहने वाली महिला सुनीता देवी और उसके पुत्र पप्पू दास पर लग रहा है। फिलहाल शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल लाया गया है। घटना के बाबत बताया गया कि घर में सोए अली बक्स को अपराधियों नें आधी रात को खिड़की से सर पर दो गोली मारी, जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई। हालांकि आनन फानन में परिजन उन्हें बोड़ो के एक अस्पताल में ले गए जहां
25 सितम्बर के "जनादेश समागम" में तय हो जायेगा कि राज्य की जनता किसके साथ खड़ी है: बाबूलाल
रांची: पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) के अध्यक्ष बाबुलाल मरांडी ने कहा कि झाविमो को तोड़ने का जितना भी प्रयास कर ले भाजपा, अब झारखंड की राजनीति में झाविमो को कोई भी ताकत नही रोक सकता। विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी द्वारा घोषित आगामी 25 सितम्बर को राँची के प्रभात तारा मैदान, धुर्वा में राज्य स्तरीय "जनादेश समागम" को सफल बनाने को लेकर बुधवार को झाविमो, राँची महानगर की विस्तारित बैठक पार्टी मुख्यालय, डिबडीह, राँची में सम्पन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता राँची महानगर के अध्यक्ष सुनील गुप्ता एवं मंच संचालन महासचिव जितेंद्र वर्मा ने किया।
बदहाल है झारखंड में मातृत्व लाभ योजना : सर्वेक्षण रिपोर्ट
रांची: झारखंड में मातृत्व लाभ योजना का क्रियांवयन बदहाल स्थिति में है। एक सैम्पल सर्वे के अनुसार, केंद्र सरकार द्वारा 'प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना' के नाम से झारखंड में 2017 में शुरू हुई इस योजना के तहत अबतक मात्र 24 प्रतिशत महिलाओं को आंशिक राशि मिली है। जबकि पूरी राशि यानी पांच हजार रूपये (प्रति माता) मात्र आठ प्रतिशत महिलाओं को ही मिल पाया है। भोजन का अधिकार अभियान के तहत अर्थशास्त्री डॉ ज्यां द्रेज की देखरेख में युवा सामाजिक कार्यकर्त्ताओं व शोधकर्त्ताओं द्वारा झारखंड के पांच जिलों के छह ब्लॉक में किये गए सर्वेक्षण में यह जानकारी सामने आयी है।
रांची में सेना के अफसर की नाबालिग बेटी के साथ सामूहिक बलात्कार
रांची: झारखंड की राजधानी रांची एक बार फिर लड़कियों महिलाओं के लिए असुरक्षित हो रहा है। शनिवार की शाम सेना के एक अफसर की नाबालिग बेटी के साथ बरियातु फायरिंग रेंज में कुछ असामाजिक तत्वों ने सामूहिक बलात्कार किया। लड़की अपने एक नाबालिग मित्र के साथ उस इलाके में घूमने गई थी। हालांकि पुलिस ने इस मामले में दो युवकों को गिरफ्तार किया है। पूछताछ जारी है।
जमीन-जंगल से बेदखली की संभावना से उबाल
अब तो कानून बना कर या पहले से बने कानूनों में संशोधन कर आदिवासियों व यहां के मूल निवासियों के जल, जंगल व जमीन पर पुरखा अधिकार से वंचित करने की कोशिश तेज हो गई है। कानूनों में बदलाव केन्द्र से लेकर राज्य तक में तेजी से हो रहा है। लेकिन ध्यान देने की बात यह है कि अंग्रेजों के जमाने से लागू दमनकारी, अवांछित, पीड़ादायक, जनतंत्रा के लिए अनेपेक्षित कानूनों में कोई बदलाव नहीं हो रहा है, बल्कि उन्हें और सशक्त किया जा रहा है। अंग्रेजी जमाने से लागू भारतीय दंड संहिता में सुधार के बदले दमनकारी यूएपीए जैसे काले कानूनों को और सशक्त किया जा रहा है। दूसरी ओर उन कानूनों को बदलने की तैयारी है, जो थोड़ा भी आम जन के हित में खड़े दिख रहे हों।
सदियों से विकास व बेहतरी शब्द आदिवासियों के साथ ही यहां के मूल निवासियों के लिए छलावा साबित होते रहेे हैं। उनके लिए तो और भी छलावे के साथ ही विश्वासघात के पर्याय सिद्ध हुए हैं, जो जंगल-पहाड़ पर खनिजों के ढेर पर पुरखा जमाने से रहते आ रहे हैं। विस्थापन-बेदखली यहां की नग्न सच्चाई है और विकास-बेहतरी जादुई शब्द, जिसकी सच्चाई अब यहां का हर अनुभवी वसिंदा समझने लगा है। दुःखद और गौर करने लायक तो यह कि अंग्रेजी राज-पाठ के समय से आरम्भ हुआ प्राकृतिक संसाधनों की लूट आजादी के बाद भी जारी है। यदि सच कहा जाये तो अंग्रेजी सम्राज्य से अधिक की लूट आजादी के बाद हुई है।
झारखंड में सुरक्षाबलों ने नक्सली को मार गिराया
रांची: झारखंड के हजारीबाग जिले के सटिया जंगल में शनिवार को मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने एक नक्सली को मार गिराया। पुलिस के अनुसार, एक गुप्त सूचना के आधार पर केंद्रीय र्जिव पुलिस बल (सीआरपीएफ) और राज्य पुलिस ने एक खोजी अभियान चलाया। इस दौरान नक्सलियों ने सुरक्षाबलों पर हमला कर दिया।
जवाबी कार्रवाई में 8 से 9 नक्सली भागने में कामयाब रहे, जबकि एक को मार गिराया गया।
मारे गए नक्सली की पहचान नहीं हो सकी है, उसके पास से एक इंसास राइफल जब्त की गई है। दूसरे नक्सलियों की तलाश जारी है। शुक्रवार को भी खूंटी और पश्चिमी सिंहभूम जिले के सीमा क्षेत्र में एक नक्सली मारा गया था।
झारखण्ड की सड़कें राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप, राज्य के विकास के लिए दे रही मजबूत आधारभूत ढांचा -के के सोन, सचिव पथ निर्माण विभाग
पथ निर्माण विभाग के सचिव के के सोन ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया
रांची: विकास के लिए मजबूत आधारभूत संरचना अत्यंत आवश्यक है। सड़कों से विकास के मानक तय होते हैं। गुणवत्तायुक्त सड़कों का जाल बिछा हो तो राज्य में आर्थिक समृद्धि की नींव पड़ती है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास की प्राथमिकता में सड़कों का अधिक से अधिक निर्माण करना शामिल है। पथ निर्माण विभाग के सचिव श्री के के सोन ने आज सूचना भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए ये बातें कही। उन्होंने बताया कि 2014 तक हुई प्रगति की तुलना में पिछले साढ़े चार साल में सड़क पुल आदि सभी क्षेत्रों में लगभग दो से ढाई गुना की वृद्धि हुई है। पिछले साढ़े 4 साल में राज्य योजना से 5575 किलोमीटर सड़
कश्मीर : भारत सरकार का साहसिक कदम
गिरिडीह: भारत का अभिन्न अंग जम्मू कश्मीर अब अनुच्छेद 370 से मुक्त होकर देश के केन्द्र शासित राज्यों में शुमार हो गया। बड़ी बात यह हुई की जम्मू कश्मीर पुर्नगठन विधेयक 2019 दोनों सदनों में पारित होने एवं रास्टूपति की मंजूरी के बाद घाटी में पुरी तरह से लगभग भारतीय कानून लागु होगये। और इससे भी बड़ी बात यह हुई की हर साल कश्मीर के रास्ते से होकर अमरनाथ जाने वाले हजारों भारतीय तीर्थ यात्रियों को घाटी में अपने देश जैसा ही अपनापन महसूस होगा। इसमे संदेह नही कि भारतीय जनमानष जम्मू कश्मीर को भारत का अटूट हिस्सा मानता रहा है। लेकिन धारा 370 के कारण व्यवहारिक तौर पर अभी तक एसा नही था। हाल के वर्षों