पेगासस जासूसी की जांच शुरू कर रहा है फ्रांस, भारत सरकार उहापोह में

:: न्‍यूज मेल डेस्‍क ::

एक ओर जहां दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र भारत की सरकार पेगासस जासूसी मामले में अब तक उहापोह की स्थिति में है वहीं फ्रांस ने पेगासस सॉफ्टवेयर से कथित जासूसी की जांच शुरू करने का आदेश दे दिया है। गौरतलब है कि इजराइली कंपनी के इस सॉफ्टवेयर से भारत में भी 300 सत्यापित मोबाइल नंबरों की जासूसी होने का दावा किया गया है। इनमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी, चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर समेत कई बड़े नेताओं, 40 पत्रकारों, शीर्ष अदालत के न्यायाधीश और अन्य लोगों के नंबर शामिल बताए जा रहे हैं। 

स्टेन स्वामी के कार्य, संघर्ष और योगदान

:: ग्लैडसन डुंगडुंग ::

नये झारखंड राज्य में फा. स्टेन स्वामी मानव अधिकार आंदोलन का चेहरा बन कर उभरे। 1991 में चाईबासा जाने के बाद सबसे पहले उन्होंने सिंहभूम में जारी पुलिसिया जुल्म के खिलाफ स्थापित मानव अधिकार संगठन ‘‘जोहार’’ का पुनर्गठन किया और राज्य प्रायोजित मानव अधिकार हनन के मामलों को उठाना शुरू किया। उन्होंने सिंहभूम में हुए पुलिसिया जुल्म का अनुसंधान एवं कानूनी हस्तक्षेप किया। वे जब 2001 में रांची आये तबतक मानव अधिकार आंदोलन का चेहरा बन चुके थे। उस समय वे एक मात्र व्यक्ति थे, जिन्हें मानवाधिकार कार्यकर्ता के रूप में पहचान मिली थी। तीन दशक तक वे राज्य प्रायोजित मानव अधिकार हनन पर निरंतर हस्तक्षेप करते रहे। इस दौरान उन्होंने राज्य प्रायोजित मानव अधिकार हनन के मामलों का अनुसंधान एवं कानूनी हस्तक्षेप किया। इसके अलावा लोगों को जागरूक किया तथा अपने वक्तब्या एवं लेखन के द्वारा मानव अधिकार हनन के मुद्दों को उठाकर कई लोगों को न्याय दिलाया।

5 जुलाई 2021 को भारत के इतिहास में और एक काला अध्याय जुड़ गया। धरती का सबसे बड़ा लोकतंत्र ने राजसत्ता से असहज सवाल पूछने वाले 84 वर्षीय फादर स्टेन स्वामी की संस्थागत हत्या कर दी। वे एक निडर, संवेदनशील, दृढ़संकल्पी, सशक्त एवं तटस्थ मानवाधिकार कार्यकर्ता, आंदोलनकारी, प्रशिक्षक, शोधकर्ता एवं लेखक थे। उनका जन्म 26 अप्रैल 1937 को तामिलनाडु के त्रिची में हुई थी। वे मई 1957 में येसु समाज से जुड़े एवं 1965 में पहली बार झारखंड आये और यहीं के हो गए। हालांकि उन्होंने विधिवतरूप से 1991 में आदिवासियों के बीच काम करना शुरू किया। वे ईसाई धर्मगुरू जरूर थे लेकिन धार्मिक गतिविधियों से दूर आदिवासियों के मानव अधिक

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आरएसएस सचमुच बदल रहा है, बदलना चाहता है!

Approved by Srinivas on Fri, 07/09/2021 - 11:44

:: श्रीनिवास ::

सरसंघचालक मोहन भागवत ने कुछ दिन पहले आरएसएस के ही एक अनुषंगी संगठन 'राष्ट्रीय मुसलिम मंच' के समारोह में जो कुछ कहा, उसे कल तक संघ केआलोचक रहे लोग भी स्वागतयोग्य और संघ के नजरिये में आ रहे सकारात्मक बदलाव का द्योतक बता रहे हैं. संघ यदि सचमुच संकीर्णता का त्याग कर दे, तो बेशक इसका स्वागत किया जाना चाहिए. इतना बड़ा संगठन यदि वास्तव में 'राष्ट्रीय' हो जाये और समस्त भारतीयों के हित में काम करने लगे, इससे अच्छा क्या होगा?

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दो भारतीय मूल के पत्रकारों को पुलित्‍जर प्राइज और सिटिजन जर्नलिज्‍म श्रेणी में अश्‍वेत जार्ज फ्लॉयड की हत्‍या फिल्‍माने के लिए प्रशस्ति-पत्र 

:: न्‍यूज मेल डेस्‍क ::

दुनिया भर में पत्रकारिता के सबसे सम्‍मानित पुरस्‍कार 'पुलित्‍जर पुरस्‍कारों' की घोषणा हुई है। लेकिन खबर यह है कि इस बार पुलित्‍जर प्राइज से सम्‍मानित दो नाम भारतीय मूल के हैं। मेघा राजगोपालन और नील बेदीदो भारतीय मूल के पत्रकारों को पुलित्‍जर प्राइज और सिटिजन जर्नलिज्‍म श्रेणी में अश्‍वेत जार्ज फ्लॉयड की हत्‍या फिल्‍माने के लिए प्रशस्ति-पत्र । मेघा को satellite technology के सहयोग से खोजी पत्रकारिता करते हुए चीन के अत्‍यंत गोपनीय नजरबंदी शिविरों की रिपोर्टिंग के लिए यह पुरस्‍कार दिया गया है। वहीं भारतीय मूल के एक अन्‍य पत्रकार नील बेदी को फ्लोरिडा में एक लॉ एनफोर्समेन्‍ट अधिकारी द्वारा बच्‍च

कोरोना पर भारत सरकार के रवैये से खिन्‍न दुनिया भर के 187 बुद्धिजीवियों ने अब विपक्षी दलों को ऐक्‍शन में आने का आव्‍हान किया

:: न्‍यूज मेल डेस्‍क ::

नई दिल्लीः क्‍या दुनिया भर के बुद्धिजीवी भी अब मान बैठे हैं कि भारत की मोदी सरकार किसी भी सकारात्‍मक सुझावों को तवज्‍जोह देने के लिए तैयार नहीं हैं? शायद यही कारण है कि दुनियाभर के 187 प्रख्यात बुद्धिजीवियों ने भारत की विपक्षी पार्टियों को एक पत्र लिखकर कोरोना महामारी से पैदा हुई स्थिति से निपटने के लिए निर्णायक कदम उठाने का आग्रह किया है.

उत्‍तराखंड सरकार ने कुंभ श्रद्धालुओं का नया आंकड़ा जारी किया जो पूर्व घोषणा से 70 फीसदी कम है!

:: न्‍यूज मेल डेस्‍क ::

देहरादून: कोरोना काल में भारत में कुंभ आयोजन को लेकर देश-दुनिया में फजीहत झेलने के बाद अब उत्‍तराखंड सरकार ने आंकड़ों को लेकर पलटी मारी है। आपको याद होगा उत्‍तराखंड सरकार ने कुंभ के आयोजन की सफलता और धार्मिक उत्‍साह का झंडा लहराते हुए बयान दिया था कि इस आयोजन में करीब 49 लाख श्रद्धालुओं गंगा में डुबकी लगायी थी। लेकिन अब स्‍थानीय प्रशासन ने पूर्व के उन आंकड़ों को खारिज करते हुए ताजा आंकड़ा पेश किया है जो पूर्व घोषणा की तुलना में करीब 70 फीसदी कम है। आंकड़ों की इस हेराफेरी पर पड़ताल और कई बयानों से दो सवाल उभर रहे हैं, पहली यह कि पूर्व में बताया गया आंकड़ा अगर मनगढंत और बढ़ा चढ़ा कर पेश किया

'डोकलाम-जीत' भारत का झूठा ऐलान, चीन का हौसला बढ़ा - मेनन

:: न्‍यूज मेल डेस्‍क ::

चीन ने हमारी और ज़मीन पर कब्जा कर लिया। यह बात पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) शिवशंकर मेनन ने इंडियन एक्सप्रेस के साथ खास बातचीत में कही है। चीन की हरकतों के जवाब में भारत की प्रतिक्रिया को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में मेनन ने कहा यह इस बात पर निर्भर है कि आप का उद्देश्य क्या है?

स्‍टेन स्‍वामी की हालत बदतर, अदालत के कहने पर भी मना किया अस्‍पताल जाने से

:: न्‍यूज मेल डेस्‍क ::

मुंबई: एनआईए ने पिछले साल अक्टूबर में भीमा कोरेगांव हिंसा या कहें एल्गार परिषद मामले में 84 वर्षीय स्टेन स्वामी को गिरफ़्तार किया था। स्वामी ने सरकारी अस्पताल में भर्ती होने की सलाह से इनकार करते हुए कहा कि वह भर्ती नहीं होना चाहते, उसकी जगह कष्ट सहना पसंद करेंगे और संभवत: स्थितियां जैसी हैं, वैसी रहीं तो जल्द ही मर जाएंगे। उन्होंने कहा कि जो दवाइयां वे दे रहे हैं, उससे कहीं ज्यादा मजबूत मेरी गिरती हालत है।

केंद्र की ढ़ुलमुल नीति से कमजोर पर टीकाकरण अभियान

:: न्‍यूज मेल डेस्‍क ::

कोरोना टीकाकरण को लेकर केंद्र की लगातार बदल रही नीत‍ियों के चलते भारत में टीकाकरण अभ‍ियान कमजोर पड़ रहा है। केंद्र सरकार ने शुरू में कहा क‍ि टीके की खरीद राज्‍य सरकारें नहीं कर सकतीं, लेक‍िन बाद में कहा क‍ि राज्‍य सरकारें अपने स्‍तर से खरीद करें। साथ ही, भारत में बन रहे टीकों के ल‍िए राज्‍यों का कोटा भी सीम‍ित कर द‍िया। राज्‍यों ने जब ग्‍लोबल टेंडर के जर‍िए यह कमी पाटने की कोश‍िश की तो कोई कंपनी सप्‍लाई के ल‍िए आगे नहीं आ रही।

कांग्रेस ने मोदी सरकार पर निशाना साधा, कहा, 'क्या गडकरी के बॉस सुन रहे हैं?'

:: न्‍यूज मेल डेस्‍क ::

कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने बुधवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के बयान पर केंद्र सरकार पर कटाक्ष किया है। दरअसल गडकरी ने कहा था कि अधिक दवा कंपनियों को कोविड-19 के टीके बनाने की अनुमति दी जानी चाहिए। अगर टीकों की मांग आपूर्ति से अधिक होगी तो यह समस्या पैदा करेगा। इस प्रकार, उत्पादन बढ़ाने के लिए कम से कम 10 और कंपनियों को लाइसेंस दिया जाना चाहिए।

जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए ट्वीट किया, "लेकिन क्या उनके बॉस सुन रहे हैं? यही डॉ. मनमोहन सिंह ने 18 अप्रैल को सुझाया था।"