वैक्सीन है नहीं, कॉलर ट्युन बजाये जा रहे हैं

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कोरोना के आतंक के बीच पिछले एक साल से आपने अपने फोन पर चिढ़ा देनेवाले कॉलर ट्युन्‍स को भी झेला है। लेकिन अब आम जन ही नहीं हमारे माननीय जज भी इस मुश्किल को समझ रहे हैं। खबर है कि केंद्र सरकार की कॉलर ट्यून की आलोचना करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि ‘हमें नहीं पता कितने दिनों से’ यह ‘परेशान करने वाला’ संदेश बज रहा है और लोगों से टीका लगवाने को कह रहा है, जबकि पर्याप्त संख्या में टीका उपलब्ध नहीं है.

अंतिम संस्‍कार के संसाधन के अभाव में शवों को गंगा में फेंक रहे लोग

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देश में कोरोना के कहर के बीच  बिहार के बक्सर जिले में प्रशासन ने प्रशासन ने  गंगा नदीं के महादेव घाट पर 45 शवों को देखा है। माना जा रहा है कि कोरोना से मौत होने के बाद लोग शव को जला भी नहीं रहे है, बल्कि उन्हें जैसे-तैसे अंतिम संस्कार के नाम पर गंगा में ही फेंक दे रहे हैं। गंगा नदी में शव तैर रहे हैं। तैरते शव मिलने के बाद पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा हुआ है।

सर्वे रिपोर्ट : पिछड़े मोदी, दीदी आगे

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यह तो अब सर्वविदित है कि बंगाल जीतने के लिए भाजपा ने क्‍या कुछ नहीं किया। संतरी-मंत्री-सांसद-संसाधन सब झोंके। बावजूद इसके पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव जीतकर ममता बनर्जी ने ही हैट्रिक बनाया। भाजपा पिछड़ गई। बल्कि यूं कहें दीदी कई मायनों में मोदी से आगे निकल गई हैं। इस बात का खुलासा लोकनीति सीएसडीसी ने अपने एक सर्वे में किया है।

बेहतर होता PM 'काम' की बात 'करते.. सुनते'

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देश भर में कोरोना का कहर जारी है। यह पहली बार है, जब लगातार दूसरे दिन चार लाख से अधिक नए मामले सामने आए हैं. आज 414,188 नए मामले दर्ज हुए हैं और 3915 लोगों की मौत हुई है। इसके साथ ही कुल मामलों की संख्या 21,491,598 हो गई है और मृतक संख्या 234,083 है. विश्व में संक्रमण के 15.60 करोड़ से ज़्यादा मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि 32.56 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.

अरूंधती राय ने प्रधानमंत्री मोदी पर हमला बोला, कहा 24 तक इंतजार नहीं, अभी कुर्सी छोड़ें

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बहुचर्चित लेखिका अरूंधती राय ने एक लेख लिखकर प्रधानमंत्री मोदी पर जबरदस्‍त हमला बोला है। द वायर नामक वेब पत्रिका में छपे उस लेख में अरूंधती ने लिखा है: हमें सरकार की जरूरत है। बहुत बुरी तरह से। जो हमारे पास है नहीं। सांस हमारे हाथ से निकलती जा रही है। हम मर रहे हैं। हमारे पास यह जानने का भी कोई सिस्टम नहीं है कि जो मदद मिल भी रही है, इसका इस्तेमाल कैसे हो पाएगा।
क्या किया जा सकता है? अभी, फौरन?
हम 2024 आने का इंतजार नहीं कर सकते हैं। मेरे जैसे इंसान ने कभी सोचा भी नहीं था कि ऐसा भी कोई दिन आएगा जब हमें प्रधानमंत्री से किसी भी चीज के लिए याचना करनी होगी।

मीडिया और हाई कोर्ट, दोनों को ‘लोकतंत्र के महत्त्वपूर्ण स्तंभ’ - सुप्रीम कोर्ट

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दुनियाभर में हर साल तीन मई को विश्व प्रेस आजादी दिवस (World Press Freedom Day) मनाया जाता है. इस दिन ये बताया जाता है कि मीडिया का समाज में कितना अहम रोल है. मीडिया की ताकत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसे लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है. लोकतंत्र को और भी ज्यादा मजबूत करने के लिए भी वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम डे सेलिब्रेट किया जाता है.

प्रशांत किशोर ने चुनाव आयोग को बीजेपी का बी टीम करार दिया

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ममता बनर्जी तो जीत गईं। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर का कैलकुलेशन भी सटीक कहा जाएगा। बल्कि कैलकुलेशन आम बोलचाल में भविष्‍यवाणी कहें। बावजूद इसके पीके यानी प्रशांत किशोर चुनाव आयोग की भूमिका पर तीखे हमले किये हैं। इसे भाजपा का बी टीम तक बता डाला।

यह कैसी आन, बान, शान.. संसाधन के अभाव में लोग मर रहे फिर भी प्राथमिकता है सेंट्रल विस्‍टा निर्माण

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दिल्ली में पिछले एक हफ्ते में कोविड-19 के कारण 2,267 लोगों की मौत हो चुकी है और यह पूरे आंकड़े का केवल एक हिस्सा है, क्योंकि अनेकों मौतों की गिनती भी नहीं हो रही है। 10 दिनों से दिल्‍ली लॉकडाउन में है। हर रोज अस्पतालों में बेड की मांग को लेकर परिवार भटकते रहे हैं। ऑक्सीजन की कमी को लेकर अस्पताल प्रबंधन सरकार को आपातकालीन मैसेज भेजते रहते हैं, जिसकी कमी से तमाम लोगों की मौत भी हो चुकी है। इस तबाही के बीच भी एक परियोजना ऐसी है जो जोर-शोर से चल रही है, वह सेंट्रल विस्टा परियोजना है। आइये जानते हैं क्‍या है सेंट्रल विस्‍टा।

किसान आंदोलन : गलत राह पर हैं मोदी-शाह - राज्‍यपाल सतपाल मलिक

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150 दिन से ज्यादा से दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन को लेकर मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने फिर चिंता जताई है। मलिक ने कहा कि किसान आंदोलन को लेकर उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को समझाया है कि वो दोनों गलत रास्ते पर जा रहे हैं।मलिक ने कहा कि किसानों के आंदोलन को दबाया नहीं जा सकता है। उनकी वास्तविक मांगों पर पुनर्विचार करने की जरूरत है।

मीलॉर्ड, कप्‍पन पर एक नजर : यूपी सरकार की हिरासत में जंजीरों से खाट पर बंधे पत्रकार की व्‍यथा

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हाथरस घटना प्रसंग: यूपी पुलिस की हिरासत में कोरोना-ग्रस्‍त पत्रकार कप्‍पन जानवरों की तरह खाट से बंधे हैं, रिहाई के लिए पत्‍नी ने सीजेआई को लिखा पत्र :- उत्‍तर प्रदेश के हाथरस की घटना तो आपको याद होगी। उस घटना पर देश भर में बवाल मचा था। युपी पुलिस और प्रशासन की थू-थू हुई थी। उसी दौरान एक स्‍वतंत्र पत्रकार सिद्दीक कप्पन को यूपी पुलिस ने सामाजिक रूप से अशांति फैलाने की कथित साजिश रचने के आरोप में 05 अक्‍टूबर को गिरफ्तार कर मथुरा जेल में बंद कर दिया था। आज जेल में कप्‍पन की हालत बेहद खराब है। उसकी पत्‍नी ने नवनियुक्‍त सीजेआई (चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया) एन वी रमना को पत्र लिखकर न्‍याय की दुहाई देते ह