'अरबन नक्सल' बुकलेट के बहाने संघ का बुद्धिजीवियों के खिलाफ षड्यंत्र
भारत के सभी दक्षिणपंथी वर्चस्ववादियों की एक आम विशेषता है, बेतुकी कल्पना और संकीर्ण विचार। इसका सटीक उदाहरण राष्ट्रीय स्वयं सेवक (RSS) द्वारा छापी गई यह पुस्तिका है। यह भारत के कुछ सम्मानित बुद्धिजीवियों और मानवाधिकार रक्षकों को बदनाम करने के अभियान का हिस्सा है। यह कुटिल प्रयास कुछ बेबुनियाद काल्पनिक कहानियों पर आधारित है।